इंडिगो की उड़ानों में भारी अव्यवस्था जारी है। लगातार छठे दिन 650 फ्लाइट्स रद्द हुईं। एयरलाइन का कहना है कि सेवाएँ 10 दिसंबर तक सामान्य हो सकती हैं। यात्रियों की परेशानी, वजह और अपडेट यहाँ पढ़ें।
इंडिगो उड़ानों के देशव्यापी संकट के छठे दिन भी सैकड़ों उड़ानें रद्द रहीं। इस संकट ने प्रमुख हवाई अड्डों पर हाहाकार मचा दिया। हालाँकि रविवार को इंडिगो ने घोषणा की कि उसने अधिकांश नेटवर्क को बहाल कर लिया है और अब 1500 से अधिक उड़ानें संचालित कर रही है। इसने कहा है कि 138 में से 135 गंतव्यों को फिर से जोड़ा गया है। शनिवार को मात्र 700 से थोड़ी अधिक उड़ानें संचालित हुई थीं। एयरलाइन ने कहा कि यह एक सुनियोजित 'रीबूट' का हिस्सा थी। इस 'रीबूट' का मक़सद सिस्टम को रीसेट करना था, क्योंकि पिछले दिनों गंभीर व्यवधान से हजारों यात्री फंस गए थे। इंडिगो ने अब स्थिति को पूरी तरह सामान्य करने की 10 दिसंबर की तारीख तय की है।
इंडिगो ने रविवार को जहाँ 650 उड़ानें रद्द की हैं, वहीं 1650 शेड्यूल्ड सेवाओं को संचालित करने का लक्ष्य रखा है। एयरलाइन के अनुसार, नेटवर्क का 95% से अधिक बहाल हो चुका है। यात्रियों से माफी मांगते हुए इंडिगो ने कहा कि यह अस्थायी कटौती सिस्टम, रोस्टर और शेड्यूल को 'रीबूट' करने के लिए ज़रूरी थी।
नियामकीय जांच तेज
यह सुधार राजनीतिक आलोचना और नियामकीय जांच के बीच हो रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने संकट को इंडिगो प्रबंधन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की 'बड़ी विफलता' करार दिया। उन्होंने सरकार के अस्थायी हवाई किराया कैप लगाने का स्वागत किया और कहा कि यह कैप तब तक बने रहना चाहिए जब तक एयरलाइन की डुओपॉली यानी दो प्रमुख एयरलाइनों का वर्चस्व टूट न जाए। चिदंबरम ने कहा कि सरकार जनवरी 2024 में अधिसूचित संशोधित फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट यानी एफ़डीटीएल नियमों के अनुकूल एयरलाइनों की मदद करने में विफल रही।
इस बीच, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने सीईओ पीटर एल्बर्स और उत्तरदायी प्रबंधक-सीओओ इसिद्रो पॉर्केरास को व्यापक परिचालन चूक के लिए शो-कॉज नोटिस जारी किया है।
डीजीसीए के नोटिस में योजना, निगरानी और संसाधन प्रबंधन में अहम चूक का आरोप लगाया गया है। दोनों को 24 घंटे में जवाब देना है।
संकट की जड़: एफ़डीटीएल नियमों का पालन न करना
इंडिगो का यह संकट नवंबर 1, 2025 से लागू सख्त फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट यानी एफ़डीटीएल नियमों से उपजा है, जो पायलट थकान को कम करने के लिए लाए गए थे। इनमें पायलटों की साप्ताहिक विश्राम अवधि 36 से बढ़ाकर 48 घंटे, रात्रि ड्यूटी को मध्यरात्रि से सुबह 6 बजे तक विस्तारित करना, और प्रति सप्ताह अधिकतम दो रात्रि लैंडिंग शामिल हैं। इंडिगो ने इनके लिए पर्याप्त योजना न करने का इकबाल कबूल किया, जो पीक ट्रैवल सीजन में भारी पड़ा।
डीजीसीए के अनुसार नवंबर में इंडिगो ने 1232 उड़ानें रद्द कीं, जिनमें 755 क्रू और एफ़डीटीएल से जुड़ी थीं। ऑन-टाइम परफॉर्मेंस यानी ओटीपी अक्टूबर के 84.1% से गिरकर 67.7% हो गई। दिसंबर में यह और बिगड़ गया। 3 दिसंबर को ओटीपी मात्र 19.7% था। 5 दिसंबर को 1000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, जिसमें दिल्ली एयरपोर्ट से मध्याह्न के बाद सभी डिपार्चर रद्द हो गए।आज यानी 7 दिसंबर को दिल्ली में 220 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, हैदराबाद में 115 और कोलकाता में 76। कुल मिलाकर 3 से 7 दिसंबर तक 519 से अधिक उड़ानें हैदराबाद में ही रद्द हुईं। यात्रियों ने एयरपोर्ट्स पर 'इंडिगो! शेम, शेम!' के नारे लगाए और अनक्लेम्ड सामान के ढेर लग गए।
सरकार ने क्या क़दम उठाए?
संकट बढ़ा तो सरकार हरकत में आई और इसने कई कदम उठाए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 6 दिसंबर को किराया कैप लगाया और दूरी के आधार पर 7500 से 18000 रुपये तक किया। इंडिगो को सभी रद्द या प्रभावित उड़ानों के रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक पूरा करने का आदेश दिया। रीशेड्यूलिंग पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 4 दिसंबर से ही इकोनॉमी किराया कैप कर दिया। रेलवे ने प्रभावित यात्रियों की मदद के लिए अगले तीन दिनों में सभी जोनों में 89 विशेष ट्रेनें चलाईं।
मंत्री की बैठक और जांच समिति
नागरिक उड्डयन मंत्री के. रममोहन नायडू ने शनिवार को सीईओ एल्बर्स के साथ 'गंभीर बैठक' की। अधिकारियों ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। डीजीसीए ने संकट की जांच के लिए उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जो एफ़डीटीएल बदलावों के प्रबंधन पर फोकस करेगी।इंडिगो का बयान
इंडिगो ने कहा, 'हमें अभी लंबा सफर तय करना है, लेकिन हम यात्रियों, स्टाफ, पार्टनर्स और सरकारी एजेंसियों के समर्थन के लिए आभारी हैं। हम विश्वास बहाली के लिए प्रतिबद्ध हैं।' एयरलाइन ने इमरजेंसी शेड्यूल पर चलते हुए अतिरिक्त संसाधन तैनात किए हैं। ओटीपी में सुधार हुआ। शनिवार के 30% से बढ़कर रविवार को 75%। 15 दिसंबर तक बुकिंग पर रद्दीकरण और रीशेड्यूलिंग पर पूरी छूट दी गई है।यह संकट इंडिगो की बड़ी बाजार हिस्सेदारी को देखते हुए पूरे विमानन क्षेत्र को हिला दिया। जानकारों का कहना है कि एफ़डीटीएल जैसे नियम सुरक्षा के लिए जरूरी हैं, लेकिन एयरलाइनों को योजना में कमी ने पीक सीजन में तबाही मचा दी। सरकार ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होने पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।