पहलगाम हमले को लेकर भारत-पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच अब भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपनी ताक़त का प्रदर्शन किया है। इसने ताज़ा स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस सूरत से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल MR-SAM का सफल परीक्षण किया। यह क़दम न केवल भारत की नौसैनिक क्षमताओं को दिखाता है, बल्कि क्षेत्रीय तनाव के बीच एक संदेश भी देता है।

दूसरी ओर, पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा है और अरब सागर में 24-25 अप्रैल को सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के परीक्षण की घोषणा की है। इसे भारत ने गंभीरता से लिया है। यह घटनाक्रम तब चला है जब एक दिन पहले ही भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है और अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया है। जवाब में पाकिस्तान ने भी गुरुवार को शिमला समझौता निलंबित करने जैसे कई फ़ैसले लिए हैं।

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दोनों देशों के बीच मौजूदा तनातनी तब शुरू हुई जब दो दिन पहले पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' से जोड़ा जा रहा है। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली पर्यटक मारे गए। इसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है। हमले के बाद भारत ने कूटनीतिक स्तर पर कड़े क़दम उठाए। 

इसी बीच, भारतीय नौसेना ने गुरुवार को आईएनएस सूरत से 70 किलोमीटर की रेंज वाली MR-SAM मिसाइल का परीक्षण किया। यह समुद्र की सतह के क़रीब उड़ने वाले तेज लक्ष्य को सटीकता से तबाह करने में सक्षम है। यह परीक्षण पाकिस्तान के प्रस्तावित मिसाइल परीक्षण से पहले किया गया। इसे जानकार भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में देखते हैं।

जनवरी 2025 में कमीशन किया गया आईएनएस सूरत गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम जहाज है। यह 75% स्वदेशी सामग्री से निर्मित है और इसमें ब्रह्मोस, बराक-8 मिसाइलें, उन्नत रडार सिस्टम जैसे अत्याधुनिक हथियार शामिल हैं। और यह AI से लैस है।

नौसेना ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर परीक्षण का वीडियो साझा करते हुए कहा, 'भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस सूरत ने समुद्र की सतह के करीब उड़ने वाले लक्ष्य पर सटीक हमला किया, जो हमारी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक और मील का पत्थर है।' यह उपलब्धि भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान और स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन में बढ़ती ताक़त को रेखांकित करती है।

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पाकिस्तान ने अपने मिसाइल परीक्षण की घोषणा के साथ अरब सागर में 'नो-फ्लाई ज़ोन' और 'लाइव फायरिंग' की चेतावनी जारी की है। विश्लेषकों का मानना है कि यह क़दम पहलगाम हमले के बाद भारत के कूटनीतिक और संभावित सैन्य दबाव के जवाब में है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पाकिस्तान का परीक्षण शाहीन-III या बाबर क्रूज मिसाइलों से संबंधित हो सकता है, जो भारत के प्रमुख शहरों को निशाना बनाने की क्षमता रखते हैं।

भारत की खुफिया और रक्षा एजेंसियाँ पाकिस्तान के इस क़दम पर बारीकी से नज़र रख रही हैं।

जानकारों का कहना है कि आईएनएस सूरत का परीक्षण न केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की नौसैनिक ताक़त और क्षेत्र में किसी भी ख़तरे का जवाब देने की तैयारियों का प्रदर्शन भी है। यह क़दम पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि भारत किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

आईएनएस सूरत का मिसाइल परीक्षण भारत की रणनीतिक नीति का हिस्सा है, जो सैन्य ताक़त और कूटनीतिक दबाव के संयोजन पर आधारित है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने साफ़ कर दिया है कि वह आतंकवाद के ख़िलाफ़ 'ज़ीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाएगा। नौसेना का यह क़दम क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को बनाए रखने और पाकिस्तान को किसी भी ग़लत हरकत से रोकने की दिशा में एक मज़बूत क़दम है।

हालाँकि, यह स्थिति भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है। पाकिस्तान का मिसाइल परीक्षण और भारत का जवाबी क़दम दोनों देशों के बीच सैन्य प्रतिस्पर्धा को दिखाते हैं। 

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यह तब हो रहा है जब एक दिन पहले ही भारत ने बुधवार को सिंधु जल समझौता निलंबित, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने और अटारी बॉर्डर बंद करने की घोषणा की थी। इसके अलावा पाकिस्तान के टॉप राजनयिक को तलब करके बताया कि पाकिस्तान एम्बैसी में कार्यरत सैन्य सलाहकार अवांछित घोषित कर दिए गए हैं, उन्हें भारत छोड़ना होगा। भारत के इस रूख के बाद गुरुवार को पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार, शिमला समझौता समेत तमाम द्विपक्षीय समझौतों और हवाई क्षेत्रों को निलंबित करने सहित अन्य क़दमों की घोषणा की। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकियों को पृथ्वी के किसी भी कोने से ढूंढकर सजा दी जाएगी। इस बयान ने भारत की जवाबी कार्रवाई की संभावना को और मजबूत किया। 

पहलगाम हमले के बाद भारतीय नौसेना का आईएनएस सूरत से मिसाइल परीक्षण न केवल तकनीकी और सैन्य दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह भारत की रक्षा नीति और क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को भी दिखाता है। यह क़दम भारत की आत्मनिर्भरता और नौसैनिक ताक़त को मज़बूत करने की दिशा में एक अहम क़दम है।