सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति स्थापित करने के पीछे भारतीय जनता पार्टी की सोची-समझी रणनीति है। वह ऐसी धारणा फैलाना चाहती है, जिससे यह लगे कि नेहरू के राज में पटेल की घोर उपेक्षा हुई और मोदी उस लौहपुरुष को न्याय दिलवाएँगे। इसके साथ ही बीजेपी पटेल की विरासत को हथियाना चाहती है। वह यह स्थापित करना चाहती है कि सरदार दरअसल आरएसएस और बीजेपी के नज़दीक थे।
ज़ाहिर है, इसके राजनीतिक फ़ायदे हैं। पर इतिहास खँगालने से लगता है कि सच यह नहीं है। मोदी और बीजेपी का झूठ इतिहास के सिर्फ़ कुछ पन्नों को पढ़ने से साफ़ हो जाता है।
पटेल ने कहा, प्रकाशस्तंभ हैं नेहरू, वही हो सकते हैं नेता
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- 27 Dec, 2018
बीजेपी और मोदी एक ऐसा भ्रम फैलाना चाहते हैं जिससे लगे कि कांग्रेस ने सरदार पटेल की उपेक्षा की और उनके विचार आरएसएस से मिलते थे। पर इतिहास इसकी गवाही नहीं देता।
