जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा बलों ने पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में शामिल माने जाने वाले लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के पांच सक्रिय आतंकियों के घरों को गिरा दिया है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।

कार्रवाई की शुरुआत बिजबेहरा स्थित आदिल हुसैन थोकर उर्फ आदिल गोजरी के निवास को विस्फोटकों (IEDs) का इस्तेमाल करके ध्वस्त करने के साथ हुई। अधिकारियों के अनुसार, आदिल 2018 में अटारी-वाघा स्थल मार्ग से कानूनी तौर पर पाकिस्तान गया था, जहां उसने प्रशिक्षण लिया और पिछले साल जम्मू-कश्मीर में वापस घुसपैठ की। माना जाता है कि उसने पहलगाम हमले की योजना बनाने और अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी।

ट्राल में, एक अन्य आरोपी आसिफ शेख का मकदूर बुल्डोजर से गिरा दिया गया। प्रशासन ने मोंघामा, ट्राल के आदिल शेख के घर को भी ध्वस्त कर दिया, जिस पर पहलगाम हमले में शामिल होने का संदेह है।

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पुलवामा के मुर्रान निवासी अहसान अहमद शेख, जो जून 2023 में LeT में शामिल हुआ था, की दो मंजिला इमारत को विस्फोटकों से उड़ा दिया गया। शोपियां में, चोटीपोरा इलाके में दो साल पहले लश्कर से जुड़े शाहिद अहमद के घर को भी नष्ट कर दिया गया।

इसी तरह कुलगाम के कुइमोह में सुरक्षा बलों ने 2023 में आतंकी संगठन से जुड़े जाकिर गनी के घर को विस्फोटकों से उड़ा दिया। कुल मिलाकर, पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में बीते दिन से लश्कर के पांच सक्रिय आतंकियों के घरों को ध्वस्त किया गया है।

22 अप्रैल मंगलवार दोपहर, पांच-छह आतंकियों ने पहलगाम से लगभग 5 किमी दूर बैसरान मैदान में पर्यटकों के एक समूह पर गोलियां चलाईं। इस मैदान को 'मिनी स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है और यहां केवल पैदल या घोड़े पर ही पहुंचा जा सकता है। पहलगाम नरसंहार कश्मीर घाटी में हाल के वर्षों में हुए नागरिकों पर सबसे भीषण हमलों में से एक था। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

चश्मदीदों के अनुसार, आतंकी आसपास के पाइन जंगलों से निकले और पिकनिक मनाने वाले, घोड़े की सवारी कर रहे या खाने की दुकानों पर बैठे लोगों पर गोलियां बरसाईं। अधिकांश पीड़ित पर्यटक थे, जिनमें यूएई और नेपाल के दो विदेशी और दो स्थानीय लोग शामिल थे।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को "हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा" बताया।

पाकिस्तान कर रहा उकसावे की कार्रवाई

कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पार पाकिस्तानी सेना ने बिना उकसावे छोटे हथियारों से फायरिंग की। भारतीय सैनिकों ने उचित जवाबी कार्रवाई करते हुए छोटे हथियारों का इस्तेमाल किया। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। LoC के विभिन्न हिस्सों में यह गोलीबारी हुई, जिसके बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने रक्षात्मक कार्रवाई की। अधिकारियों ने पुष्टि की कि भारतीय सैनिकों ने स्थिति के अनुपात में जवाब दिया, जिससे सीमा सुरक्षा बरकरार रही।  

इसी तरह की एक घटना शुक्रवार को भी सामने आई थी, जब पाकिस्तानी सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के ठीक तीन दिन बाद सीजफायर का उल्लंघन किया। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, और कई घायल हुए थे।  

सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ 

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। सूत्रों के अनुसार, भागने की कोशिश कर रहा एक आतंकी घायल हो गया, जबकि दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मुठभेड़ के दौरान जख्मी हो गए। यह झड़प तब शुरू हुई जब सुरक्षाकर्मियों ने आतंकियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर बाजीपोरा जंगल क्षेत्र में घेराबंदी और खोज अभियान चलाया। जब आतंकियों ने गोलीबारी शुरू की, तो यह ऑपरेशन मुठभेड़ में बदल गया।   

एक दिन पहले, उधमपुर जिले में संयुक्त सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक विशेष बल के जवान शहीद हो गए थे।  

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पहलगाम में हुए हालिया हमलों के बाद, हत्याओं में शामिल पांच से छह आतंकियों को ढूंढ़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने हमले के पीछे माने जाने वाले तीन संदिग्धों – आसिफ फुजी, सुलेमान शाह और अबू तलहा – की तस्वीरें जारी की हैं। उनके ठिकाने की विश्वसनीय जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है।