लोक नायक जयप्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया। इंदिरा गाँधी के आपातकाल को उन्होंने चुनौती दी। क्या आज के दौर में लोकतंत्र को बचाने वाले ऐसे नेता की ज़रूरत नहीं है? आज भी वैसी ही परिस्थितियाँ नहीं हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।