मोदी सरकार की नीतियों की आलोचक रहीं प्रख्यात इतिहासकार रोमिला थापर को क्या जेएनयू में प्रोफ़ेसर इमेरिटस पद से हटाने की तैयारी की जा रही है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि जेएनयू प्रशासन ने उनसे सीवी यानी जीवन परिचय जमा करने को कहा है ताकि उनके काम का आकलन किया जा सके कि उन्हें इस पद पर बनाए रखा जाए या नहीं। यह अजीब बात है कि जिन्होंने जेएनयू में 20 से ज़्यादा साल तक पढ़ाया, उनके शैक्षिक योगदान के लिए राष्ट्रीय और अंतरारष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिले और अभी भी उनके शोध को इतिहासकर अव्वल दर्जे का मानते हैं उनसे उनके काम के मूल्याँकन के लिए सीवी माँगी जाए!