जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को गुरुवार को एक बार फिर अदालत ने जमानत नहीं दी। अभी तक अदालत चार बार उन्हें जमानत देने से मना कर चुकी है। उमर खालिद पर दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) संशोधन अधिनियम (यूएपीए) का आरोप लगाया है। उमर के खिलाफ सबूतों को लेकर अदालत में लंबी बहसें हो चुकी हैं। उमर खालिद सितंबर 2020 से जेल में हैं।



कड़कड़डूमा कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत 8 महीने से जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी और पहले भी तीन बार जमानत देने से इनकार कर चुकी है। हालांकि, निचली अदालत ने हाल ही में 14 मार्च को पूर्व पार्षद इशरतजहां को दिल्ली दंगे के कथित मामले में जमानत दी थी। अदालत ने 16 मार्च को दो अन्य आरोपियों गुलफिशा फातिमा और तसलीम अहमद को भी जमानत देने से इनकार कर दिया था।