जजों के ट्रांसफर के लिए सरकार कितना दबाव डालती है, इस पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी. लोकुर ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के तत्कालीन जज जस्टिस एस. मुरलीधर के उनके फ़ैसले के लिए स्थानांतरण के लिए सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम पर बार-बार दबाव डाला था। उन्होंने यह भी दावा कि उनके विरोध के कारण ट्रांसफर नहीं हो सका। जस्टिस लोकुर और जस्टिस एके सीकरी के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस मुरलीधर का ट्रांसफर कर दिया गया। यह ट्रांसफर आधी रात को तब किया गया जब जस्टिस मुरलीधर ने 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित एक अहम आदेश दिया था और यह सरकार को पसंद नहीं आया।
जज मुरलीधर के फ़ैसले से उनके ट्रांसफर के लिए सरकार का लगातार दबाव था: जस्टिस लोकुर
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- 28 Aug, 2025
जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर पर जस्टिस लोकुर ने बड़ा खुलासा किया। उनका कहना है कि सरकार लगातार दबाव बना रही थी क्योंकि मुरलीधर ने ऐसा फ़ैसला सुनाया था जो सरकार को पसंद नहीं थी। जानिए पूरा मामला क्या।

फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। इसमें कई लोग घायल हुए और जान-माल का भारी नुक़सान हुआ था। इस दौरान जस्टिस मुरलीधर ने एक याचिका पर सुनवाई की, जिसमें दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता और कुछ बीजेपी नेताओं द्वारा कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। 26 फरवरी 2020 को जस्टिस मुरलीधर ने देर रात अपने आवास पर एक आपातकालीन सुनवाई की और दिल्ली पुलिस को घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने और दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। इस आदेश में उन्होंने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की निष्क्रियता पर कड़ी नाराजगी जताई थी।