जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने मंगलवार को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की एक टिप्पणी पर आपत्ति जताई और उन्हें नसीहत भी दे दी। उन्होंने कहा है कि जजों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे किसी मामले में निर्णय देते समय केवल इसलिए पूर्व न्यायाधीशों को दोषी न ठहराएं क्योंकि वे किसी अलग नतीजे पर पहुंचे थे। जस्टिस नागरत्ना ने यह टिप्पणी तब की जब सीजेआई के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच निजी संपत्ति मामले में फ़ैसला दे रही थी। जस्टिस नागरत्ना भी उस बेंच में शामिल थीं।
सीजेआई की टिप्पणी पर जस्टिस नागरत्ना को आपत्ति क्यों, जानें क्या नसीहत दी
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- 29 Mar, 2025
सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि हर निजी संपत्ति का सरकार अधिग्रहण नहीं कर सकती है। इसी दौरान सीजेआई द्वारा की गई टिप्पणी पर जस्टिस नागरत्ना ने आपत्ति जताई।

जस्टिस नागरत्ना ने अपने फैसले में सीजेआई चंद्रचूड़ की उस टिप्पणी पर टिप्पणी की जिसमें उन्होंने 46 साल पहले इस मसले पर अपनी राय रखने वाले एक न्यायमूर्ति वीआर कृष्ण अय्यर के फ़ैसले का ज़िक्र किया था। जस्टिस अय्यर ने तब क्या कहा था और सीजेआई चंद्रचूड़ ने अब क्या कहा है, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर किस मामले में सीजेआई ने यह टिप्पणी की है।