कंगना रनौत एक और मुश्किल में फँस गई हैं। अपनी फ़िल्म 'इमरजेंसी' को लेकर। वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका कूमी कपूर ने कंगना की प्रोडक्शन कंपनी मणिकर्णिका फिल्म्स और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स के ख़िलाफ़ दिल्ली हाई कोर्ट में मुक़दमा दायर करने का फ़ैसला किया है। उनका आरोप है कि 'इमरजेंसी' फ़िल्म में उनकी किताब 'द इमरजेंसी: अ पर्सनल हिस्ट्री' का ग़लत इस्तेमाल किया गया और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुक़सान पहुँचा। तो क्या फ़िल्म की प्रामाणिकता साबित करने के लिए कूमी कपूर और उनकी प्रतिष्ठित किताब का नाम तो जोड़ लिया गया, लेकिन प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए उनके तथ्यों को ग़लत पेश किया गया?
कम से कम कूमी कपूर ने तो यही आरोप लगाए हैं। उन्होंने क्या-क्या आरोप लगाए हैं, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िरकार 'इमरजेंसी' का पूरा मामला क्या और इस पर इतना विवाद क्यों है। 'इमरजेंसी' फ़िल्म का निर्देशन और मुख्य अभिनय कंगना रनौत ने किया। यह 1975-77 के आपातकाल पर आधारित है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था। यह फ़िल्म 17 जनवरी 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई और 14 मार्च 2025 से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। फ़ल्म के डिस्क्लेमर में दावा किया गया है कि यह कूमी कपूर की किताब 'द इमरजेंसी' और जयंत वसंत सिन्हा की 'प्रियदर्शिनी' पर आधारित है। कपूर ने इस दावे पर कड़ा ऐतराज़ जताया है।