सरकार ने अब सोनम वांगचुक पर एक और बड़ी कार्रवाई की है। उनकी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख यानी SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है। एफ़सीआरए यानी विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम लाइसेंस के माध्यम से ही संस्थाएँ विदेशों से चंदा ले सकती हैं। सीबीआई की शुरुआती जांच और गृह मंत्रालय के आरोपों के बाद यह कार्रवाई हुई है। लद्दाख में छठी अनुसूची और पूर्ण राज्य की मांग के लिए भड़के हिंसक प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार वांगचुक के ख़िलाफ़ एक के बाद एक कार्रवाई कर रही है। गृह मंत्रालय ने एक दिन पहले हुई हिंसा के लिए वांगचुक के कथित भड़काऊ भाषण को ज़िम्मेदार ठहराया था। इधर, वांगचुक ने इसे राजनीतिक उत्पीड़न करार दिया है। उन्होंने कहा है कि हमने एफ़सीआरए लाइसेंस नहीं लिया, क्योंकि हम विदेशी फंड पर निर्भर नहीं होना चाहते। उन्होंने कहा है कि वैज्ञानिक जानकारी देने के बदले उन्होंने शुल्क लिया है।
सोनम वांगचुक पर सरकार ने कसा शिकंजा, उनकी संस्था का FCRA लाइसेंस रद्द
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- 25 Sep, 2025
लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की संस्था के ख़िलाफ़ केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने एफ़सीआरए लाइसेंस रद्द क्यों किया? सोनम वांगचुक का केंद्र पर बड़ा आरोप।

सोनम वांगचुक पर सरकार ने कसा शिकंजा
गृह मंत्रालय के उप सचिव राजेश कुमार के आदेश के अनुसार, SECMOL पर एफ़सीआरए के उल्लंघन का आरोप है। मंत्रालय ने कई गड़बड़ियों का हवाला दिया है। इसमें 2021-22 में वांगचुक द्वारा SECMOL के एफ़सीआरए खाते में 3.35 लाख रुपये जमा करना शामिल है। मंत्रालय ने इसे एफ़सीआरए का उल्लंघन माना।