सरकार ने अब सोनम वांगचुक पर एक और बड़ी कार्रवाई की है। उनकी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख यानी SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है। एफ़सीआरए यानी विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम लाइसेंस के माध्यम से ही संस्थाएँ विदेशों से चंदा ले सकती हैं। सीबीआई की शुरुआती जांच और गृह मंत्रालय के आरोपों के बाद यह कार्रवाई हुई है। लद्दाख में छठी अनुसूची और पूर्ण राज्य की मांग के लिए भड़के हिंसक प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार वांगचुक के ख़िलाफ़ एक के बाद एक कार्रवाई कर रही है। गृह मंत्रालय ने एक दिन पहले हुई हिंसा के लिए वांगचुक के कथित भड़काऊ भाषण को ज़िम्मेदार ठहराया था।  इधर, वांगचुक ने इसे राजनीतिक उत्पीड़न करार दिया है। उन्होंने कहा है कि हमने एफ़सीआरए लाइसेंस नहीं लिया, क्योंकि हम विदेशी फंड पर निर्भर नहीं होना चाहते। उन्होंने कहा है कि वैज्ञानिक जानकारी देने के बदले उन्होंने शुल्क लिया है।