पाकिस्तान ने मंगलवार यानी 1 जुलाई से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी की अध्यक्षता संभाल ली है। यह अध्यक्षता उसे जुलाई महीने के लिए मिली है। यह जिम्मेदारी पाकिस्तान को उसके दो साल के अस्थायी सदस्यता कार्यकाल के हिस्से के रूप में दी गई है। उसका दो साल का कार्यकाल जनवरी 2025 में शुरू हुआ था। 

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने घोषणा की कि उनकी अध्यक्षता पारदर्शी, समावेशी और उत्तरदायी होगी। पाकिस्तान ने जुलाई के दौरान दो प्रमुख मुद्दों ‘बहुपक्षवाद और क्षेत्रीय सहयोग’ तथा ‘वैश्विक शांति और सुरक्षा’ पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। 
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अध्यक्षता की शुरुआत 

पाकिस्तान को यह जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रोटेशनल प्रक्रिया के तहत मिली है, जिसमें 15 सदस्य देशों के बीच मासिक आधार पर अध्यक्षता बदलती रहती है। पाकिस्तान इससे पहले सात बार—1952-53, 1968-69, 1976-77, 1983-84, 1993-94, 2003-04 और 2012-13 में यूएनएससी का अस्थायी सदस्य रह चुका है। इस बार जनवरी 2025 में 193 में से 182 वोटों के भारी समर्थन के साथ वह अस्थायी सदस्य चुना गया था।

पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार इन दो प्रमुख बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा, 23 जुलाई को वह फिलिस्तीन मुद्दे पर तीन महीने की खुली बहस की भी अगुवाई करेंगे। पाकिस्तान ने अपनी प्राथमिकताओं को साफ़ करते हुए कहा कि वह वैश्विक अस्थिरता, भू-राजनीतिक चुनौतियों और मानवीय संकटों को ध्यान में रखकर काम करेगा।

बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह ने की अखिलेश यादव की तारीफ

बीजेपी के दिग्गज नेता और कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ कर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। संतकबीर नगर में पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी की चौथी पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में बृजभूषण ने अखिलेश को धार्मिक व्यक्ति और श्रीकृष्ण का वंशज बताते हुए कहा, 'सच मेरे मुंह से निकल गया'। इस बयान ने सभी को चौंका दिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया।

बृजभूषण शरण सिंह ने मंच से अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए कहा, 'अखिलेश यादव धार्मिक व्यक्ति हैं। उनके पिता मुलायम सिंह यादव हनुमान जी के भक्त थे और नियमित रूप से उनकी पूजा करते थे। अखिलेश ने खुद एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया है। वह श्रीकृष्ण के वंशज हैं, सनातनी हैं। वह धर्म का विरोध कैसे कर सकते हैं? अगर वह कुछ करते हैं, तो वह उनकी मजबूरी है।'
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बृजभूषण ने यह भी जोड़ा कि किसी भी व्यक्ति को जाति या धर्म के आधार पर अपमानित नहीं करना चाहिए। उन्होंने हाल ही में एक कथावाचक के साथ हुई मारपीट की घटना का जिक्र करते हुए कहा, 'कथावाचक को मारा-पीटा जाना बहुत गलत है। धर्म और जाति को राजनीति का हथियार नहीं बनाना चाहिए।' 

सियासी हलचल और अटकलें

बृजभूषण के इस बयान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई अटकलों को जन्म दे दिया है। हमेशा से एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे बीजेपी और सपा के बीच इस तरह की तारीफ असामान्य है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बृजभूषण का यह बयान बीजेपी के भीतर उनकी स्थिति और स्थानीय राजनीति में बदलते समीकरणों का संकेत हो सकता है। वहीं, कुछ का कहना है कि यह बयान अखिलेश यादव की बढ़ती लोकप्रियता और सपा की सनातन धर्म से जुड़ी छवि को मजबूत करने का एक अप्रत्यक्ष प्रयास हो सकता है।
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तेलंगाना केमिकल फैक्ट्री विस्फोट: 36 की मौत, कई लापता

तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज की एक फार्मास्युटिकल फैक्ट्री में विस्फोट ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। इस हादसे में मरने वालों की संख्या मंगलवार सुबह तक 36 हो गई, जबकि कई मजदूर अभी भी लापता हैं। बचाव कार्य में जुटे एनडीआरएफ, एचवाईडीआरएए और तेलंगाना फायर डिजास्टर रिस्पॉन्स टीमें मलबे में फंसे लोगों की तलाश कर रही हैं। इस घटना को तेलंगाना के इतिहास में सबसे भयावह औद्योगिक हादसों में से एक माना जा रहा है।

विस्फोट सोमवार सुबह 8:15 से 9:35 के बीच पशामैलारम औद्योगिक क्षेत्र में सिगाची इंडस्ट्रीज की केमिकल यूनिट में हुआ। प्रारंभिक जाँच के अनुसार यह विस्फोट एक रिएक्टर में रासायनिक प्रतिक्रिया या स्प्रे ड्रायर में दबाव बढ़ने के कारण हुआ। इस धमाके की तीव्रता इतनी थी कि तीन मंजिला इमारत ढह गई, और कई मजदूर 100 मीटर दूर तक उछल गए। आग की लपटों ने फैक्ट्री को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया, जिससे बचाव कार्य और चुनौतीपूर्ण हो गया।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने मंगलवार को हादसे की जगह का दौरा किया और पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 1 करोड़ रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 10 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने मुख्य सचिव के. रामकृष्ण राव की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जो हादसे के कारणों की जांच करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देगी।