महाकुंभ प्रयागराज में बुधवार को हुई भगदड़ की खबर अब मध्यम पड़ने लगी है। भारत का गोदी मीडिया महाकुंभ की बदइंतजामी और योगी आदित्यनाथ की हठधर्मी पर बात नहीं करना चाहता। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना की सूचना देते समय भगदड़ में मरने वालों की सूचना तक नहीं देते हैं। वो सिर्फ घायलों का जिक्र करते हैं। हालांकि मरने वालों की तादाद 10 से 15 बताई जा रही है लेकिन प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं कि आंकड़ा इससे बड़ा है। जिस तरह कोरोना से हुई मौतों को छिपाया गया, उसी तरह महाकुंभ भगदड़ में मौतों की तादाद छिपाई जा रही है। लेकिन हमारी रिपोर्ट का विषय बुधवार की भगदड़ नहीं है। यहां पर बात उस भगदड़ की हो रही है जो 3 फरवरी 1954 को हुई थी। उस घटना में इलाहाबाद में 800 लोगों की मौत हुई थी।
महाकुंभ भगदड़ः मोदी जी कुछ याद है, आपने नेहरू पर क्या आरोप लगाया था?
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- 29 Mar, 2025 

महाकुंभ इलाहाबाद में 1954 में भी भगदड़ मची थी। 800 लोग मारे गए थे। पीएम मोदी ने 2019 में एक रैली में नेहरू को 1954 में हुई भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया था और आरोप लगाया था कि उस समय की खबरों को दबा दिया गया। क्या आज मोदी अपने उस आरोप को याद करना चाहेंगे, जब मौत की सही संख्या छिपाई जा रही है।



























