महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलने पर संसद परिसर में इंडिया गठबंधन के सांसदों ने प्रदर्शन किया। मोदी सरकार ने मनरेगा नाम अब विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण) या VB-G RAM G कर दिया है। विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस और अन्य नाम बदले जाने का भारी विरोध कर रहे हैं। यह विवाद इसलिए और गहरा गया है क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि भाजपा महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने और उनकी विचारधारा को नष्ट करने की साजिश रच रही है।

प्रदर्शन की शुरुआत संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा से हुई और यह मार्च मकर द्वार तक पहुंचा। प्रदर्शनकारी सांसदों ने नारे लगाए और तख्तियां थामीं, जिन पर लिखा था - "महात्मा गांधी का अपमान नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे"। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि सरकार गांधी जी के नाम को हटाकर न केवल राष्ट्रपिता का अपमान कर रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाली इस महत्वपूर्ण योजना को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

यह प्रदर्शन कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हुआ, जिसमें इंडिया गठबंधन के अन्य सांसद भी शामिल हुए। विपक्षी नेताओं ने कहा कि मनरेगा ने गांवों में करोड़ों लोगों को काम का वैधानिक अधिकार दिया और सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया। नाम बदलना गांधी जी और संवैधानिक सामाजिक कल्याण गारंटी पर वैचारिक हमला है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "मोदी सरकार ने न केवल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया है, बल्कि काम के अधिकार को भी कुचल दिया है, जिसने भारत के गांवों में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाए। सत्ताधारी तानाशाही सरकार के इस अत्याचार के खिलाफ हम संसद से सड़क तक संघर्ष करेंगे।"

'बीजेपी महात्मा गांधी के विचारों से नफरत करती है'

विपक्ष का सीधा आरोप है कि भाजपा और आरएसएस महात्मा गांधी की विचारधारा से नफरत करते हैं और उनकी विरासत को व्यवस्थित रूप से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पहले नेहरू-इंदिरा गांधी के नाम वाली योजनाओं के नाम बदले गए, अब राष्ट्रपिता के नाम को हटाकर राम राज्य की आड़ में गांधीवाद को खत्म करने की साजिश है। कई विपक्षी नेताओं ने इसे भाजपा की "गांधी-विरोधी मानसिकता" करार दिया और कहा कि यह योजना को कमजोर करने का बहाना है, क्योंकि नई योजना में केंद्र का फंडिंग हिस्सा घटेगा और राज्यों पर बोझ बढ़ेगा।


विपक्ष ने मांग की है कि यह बिल संसदीय समिति को भेजा जाए और गांधी जी का नाम बहाल रखा जाए। देशभर में कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन की घोषणा की है, जो गांधी जी की तस्वीरों के साथ आयोजित होंगे। यह विवाद संसद के बाकी बचे शीतकालीन सत्र को और गरमा सकता है।