मालेगांव ब्लास्ट 2008 केस में विशेष एनआईए कोर्ट ने बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत 7 लोगों को बरी कर दिया। लेकिन इस विस्तृत फैसले को पढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि अदालत ने तमाम सवाल उठाए हैं। इस फैसले के बाद जिस तरह तमाम तत्व इसे सोशल मीडिया पर अपने नजरिए से परोस रहे हैं, उससे मूल सच्चाई सामने नहीं आ पा रही है। 


टाइम्स ऑफ इंडिया और इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में एक सनसनीखेज खुलासा किया गया है। विशेष एनआईए कोर्ट ने बताया कि इस मामले से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हो गए और मूल बयानों के कागजात भी खो गए हैं। इस घटना ने जांच की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।