मालेगाँव बम विस्फोट में आरोपियों के बरी होने की वजह क्या ATS, NIA की विरोधाभासी जाँच, गवाहों के बयानों में खामियाँ हैं? एनआईए कोर्ट ने गुरुवार को सबूत की कमी को कारण बताया है, लेकिन फ़ैसले की पूरी डिटेल अभी नहीं आई है। जानिए, सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट ने पहले क्या सवाल उठाए थे?
मालेगाँव केस में ATS, NIA की विरोधाभासी जाँच, गवाहों के बयानों में खामियाँ रहीं?
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- 31 Jul, 2025
मालेगाँव बम विस्फोट मामले में आरोपियों के बरी किए जाने की बड़ी वजह क्या है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट व बॉम्बे हाईकोर्ट के पहले के फ़ैसले से क्या उठते रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट की पहले की टिप्पणियों को जानने से पहले यह जान लें कि एनआईए अदालत ने क्या फ़ैसला दिया है। 2008 के मालेगाँव बम विस्फोट मामले में विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित सहित सात आरोपियों को बरी कर दिया। यह फ़ैसला 17 साल बाद आया है, जब 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगाँव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर रखे गए विस्फोटक से हुए धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।