बसपा प्रमुख मायावती
मायावती ने आगे लिखा है- हरियाणा की भाजपा सरकार के बाद अब तेलंगाना व कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा भी दलितों को बांटने के लिए उनके आरक्षण के भीतर आरक्षण की नई व्यवस्था को आपाधापी में लागू करने का फैसला वास्तव में आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने के इनके जारी षडयंत्र का नया प्रयास है।
अगस्त में, विधानसभा चुनाव से पहले, हरियाणा एससी आयोग ने दलित समुदायों को दो श्रेणियों में उपवर्गीकृत करने की सिफारिश की थी। जिसमें वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) के बाल्मीकि, धानक, मजहबी सिख और खटीक जैसे 36 समूह शामिल थे। अन्य अनुसूचित जाति (ओएससी) के चमार, जटिया चमार, रेहगर, रैगर, रामदासी, रविदासी और जाटव जैसी जातियाँ भी शामिल हैं।