दूसरों को सवालों के कटघरे में खड़ा करने वाला टीवी मीडिया टीआरपी घोटाले और पत्रकारिता के स्टैंडर्ड्स को बुरी तरह रौंदने के कारण ख़ुद सवालों के घेरे में है। कुछ दिन पहले ही सुदर्शन न्यूज़ चैनल के ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम के प्रसारण को लेकर सुनवाई के दौरान देश की शीर्ष अदालत ने टेलीविज़न चैनलों के ‘बेलगाम’ हो चुके कार्यक्रमों पर नाराजगी जताई थी।
प्रिंट की तरह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नियमित करने के लिए तंत्र क्यों नहीं है: कोर्ट
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- 13 Oct, 2020
बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जारी किए जा रहे कंटेंट के रेग्युलेशन के लिए कोई वैधानिक तंत्र क्यों नहीं है।

कोर्ट ने टीआरपी के लिए मुसलिम समुदाय को बदनाम करने से लेकर किसी व्यक्ति की छवि को ख़राब करने, मीडिया एथिक्स और प्रेस की आज़ादी पर खरी-खरी टिप्पणियां की थीं।