प्रवासी मजदूरों से मिले थे राहुल।
मजदूर कहते हैं, ‘मोदी जी ने नोटबंदी की तरह अचानक लॉकडाउन घोषित कर दिया। उन्होंने ग़रीब आदमी के बारे में नहीं सोचा। रात को ही बोल देते हैं कि सब बंद हो जाएगा और सुबह बंद हो जाता है।’
इस दौरान एक महिला रोते हुए कहती है कि चाहे हम लोग मर जाएंगे लेकिन वापस हरियाणा नहीं जाएंगे और हमको अपने गांव जाना है। मजदूर कहते हैं, ‘हमें कोरोना बीमारी का डर नहीं है, पेट की बीमारी का डर सता रहा है। हम लोगों के पास पैसे नहीं हैं, मकान का किराया कहां से देते।’