मिशन आंबेडकर के संस्थापक सूरज कुमार बौद्ध ने भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटारमणि को पत्र लिखकर धार्मिक उपदेशक अनिरुद्धाचार्य और यूट्यूबर अजीत भारती के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है। बौद्ध ने आरोप लगाया है कि इन दोनों ने भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर हमले की कोशिश को उकसाया है। 

अगर तुम्हारा सीना चीरना हो, तो मुझे बता देनाः अनिरुद्धाचार्य

कानून के अनुसार, किसी निजी व्यक्ति को अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल की सहमति लेना जरूरी है। दलित और बौद्ध कार्यकर्ता सूरज कुमार बौद्ध ने अपने पत्र में 21 सितंबर को अनिरुद्धाचार्य (अनिरुद्ध राम तिवारी) का एक वीडियो का हवाला दिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में अनिरुद्धाचार्य ने भगवान विष्णु की मूर्ति से संबंधित एक मामले में चीफ जस्टिस गवई की टिप्पणियों को लेकर कथित तौर पर धमकी दी। वीडियो में अनिरुद्धाचार्य को यह कहते सुना गया, "अगर तुम्हारा सीना चीरना हो, तो मुझे बता देना।"

अजीत भारती गिरफ्तार क्यों नहीं

बौद्ध ने अजीत भारती द्वारा यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर दिए गए आपत्तिजनक बयानों का भी उल्लेख किया। पीटीआई के मुताबिक नोएडा पुलिस ने मंगलवार को अजीत भारती से पूछताछ की थी। भारती ने कहा कि उन्हें उनके हालिया सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में बुलाया गया था। पुलिस ने बताया कि भारती को पहले सेक्टर 58 पुलिस स्टेशन और बाद में सेक्टर 12-22 चौकी पर डीसीपी कार्यालय में पूछताछ के लिए ले जाया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "उन्हें उनके हालिया 'एक्स' पोस्ट के संबंध में जांच के लिए बुलाया गया था। उन्हें इस घटना के संबंध में गिरफ्तार नहीं किया गया है।"

'अजीत भारती और अनिरुद्धाचार्य का मकसद हिंसा भड़काना'

पूछताछ के बाद, भारती ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि वह ठीक हैं और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। बौद्ध ने अपने पत्र में अनिरुद्धाचार्य और भारती के बारे में लिखा, "इन बयानों और कार्यों का उद्देश्य भारत के चीफ जस्टिस और अन्य जजों के खिलाफ हिंसा भड़काना है। ऐसी सार्वजनिक उकसावे की भाषा और तेवर अत्यंत खतरनाक हैं, और ये पोस्ट वायरल होकर गर्मागर्म बहस और तनाव बढ़ा रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत के सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसा व्यवहार अभूतपूर्व है। यदि ऐसे व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया, तो न्यायपालिका की स्वतंत्रता और हमारे लोकतंत्र की नींव खतरे में पड़ सकती है। किसी भी अदालत या जज को बिना किसी डर या पक्षपात के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोका नहीं जाना चाहिए।"

पिछले हफ्ते 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की, जिसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उनका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। हालांकि, चीफ जस्टिस ने उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण किशोर को जेल नहीं भेजा गया। किशोर ने अपने इस कृत्य को सही ठहराते हुए दावा किया कि मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट "सनातन धर्म" के खिलाफ हैं और उन्होंने मुख्य न्यायाधीश की दलित और बौद्ध पहचान पर सवाल उठाया।
सीजेआई बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट के दूसरे दलित और पहले बौद्ध चीफ जस्टिस हैं। इस बीच, अजीत भारती पुलिस कार्रवाई की खबरों के बाद भी बेफिक्र दिखे और नोएडा पुलिस ने पुष्टि की कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। अनिरुद्धाचार्य, जिनके वीडियो और टिप्पणियां अक्सर वायरल होती हैं और जो रियलिटी शो 'बिग बॉस' में प्रतियोगी रह चुके हैं, विवादों में रहने के लिए जाने जाते है। अजीत भारती की भी यही स्थिति है।

अजीत भारती कौन है 

बिहार के बेगूसराय के निवासी अजीत भारती खुद को मीडिया हस्ती, पत्रकार और लेखक बताते हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर सात लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं, जबकि एक्स पर उनके करीब पांच लाख फॉलोअर्स हैं। भारती विवादों में घिरते रहते हैं। कुछ महीनों पहले उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। वो स्पष्ट तौर पर बीजेपी और कट्टरपंथी समूहों को पसंद आने वाली भाषा में टिप्पणियां करते हैं।
सोशल मीडिया पर भारती के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप लग रहे हैं, जो अदालत में हंगामे से जुड़े हैं। यह घटना न्यायपालिका के अधिकारियों पर हमलों और सार्वजनिक उकसावे के माध्यम से न्याय व्यवस्था को कमजोर करने की आशंकाओं को जन्म दे रही है। 

अजीत भारती ने अपने वीडियो में सीजेआई गवई पर भद्दी टिप्पणी की 

वीडियो में, भारती ने चीफ जस्टिस पर तंज कसा और उस दौरान मुस्कुराते हुए तमाम बातें कहीं। उन्होंने इसे कैप्शन दिया: "गवई एक घटिया, अयोग्य जज हैं, और उन पर (अदालत की) अवमानना ​​का मुकदमा चलना चाहिए।" अजीत भारती ने वीडियो में कहा: "हाल ही में एक तस्वीर में उनके जूते देखने के बाद, मैं 'जूते और चीफ जस्टिस' पर एक वीडियो बनाना चाहता था, लेकिन किसी कारण से वह वीडियो नहीं बना सका। खैर, लगता है तब से 'जूते' उनसे चिपके हुए हैं!"

अनिरुद्धाचार्य कौन है  

यह शख्स खुद को मथुरा का संत और 'कथा वाचक' बताता है। अनिरुद्धाचार्य को 'पूकी बाबा' के नाम से भी जाना जाता है। वृंदावन में गौ गोपाल आश्रम के संस्थापक भी हैं। अनिरुद्धाचार्य ने अपने प्रवचनों में दूसरे धर्मों और महिलाओं के खिलाफ कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। जुलाई 2025 में ऐसा ही मामला सामने आया था, जब महिलाओं पर 'लिंगभेदी' टिप्पणी कर दी। मथुरा बार एसोसिएशन ने इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ज़िला पुलिस प्रमुख से मुलाकात कर कथावाचक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। यह विवाद तब शुरू हुआ जब संत की कथित 'लिंगभेदी' टिप्पणी वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

अनिरुद्धाचार्य ने प्रवचन में कहा था कि पुराने ज़माने में लड़कियाँ 14 साल की उम्र में शादी करके घर बसा लेती थीं। लेकिन अब 25 साल की उम्र में उनकी शादी हो जाती है और तब तक वे तीन-चार बार शारीरिक संबंध बना चुकी होती हैं। हालांकि बाद में उसने इस बयान के लिए माफी मांग ली।

महिलाओं का अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ प्रदर्शन

ज़िले की महिला वकीलों ने भी इस टिप्पणी की निंदा की और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। महिलाओं ने कहा, "किसी धार्मिक व्यक्ति से ऐसी अपमानजनक और लिंगभेदी टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जाती... यह उनकी सड़ी हुई मानसिकता को दर्शाता है।" महिला वकीलों ने 'महिलाओं का अपमान बंद करो' और 'अनिरुद्धाचार्य माफ़ी मांगें' जैसे नारे लिखे तख्तियां और बैनर ले रखे थे। उन्होंने धमकी दी कि अगर कथावाचक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे अपना आंदोलन तेज कर देंगे। लाखों अनुयायियों वाले अनिरुद्धाचार्य ने कथित तौर पर प्रवचन के दौरान महिलाओं के चरित्र पर आक्षेप लगाए।