केंद्र की मोदी सरकार एक ऐसे फैसले पर विचार कर रही है, जिसके तहत रेगुलेटरी संस्था के चेयरमैन का पद प्राइवेट सेक्टर को दिया जा सकता है। ऐसा फैसला कई और संस्थाओं के रास्ते खोल सकता है। रेगुलेटरी यानी नियामक संस्था अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सेक्टर पर निगरानी रखती है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ट्राई अधिनियम, 1997 में संशोधन पर विचार कर रही है। अगर यह बदलाव हो जाता है तो कॉर्पोरेट के लोग भी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई (TRAI) के अध्यक्ष बन सकेंगे। सरकार इनके लिए विशिष्ट योग्यताएं तय करेगी।