दो साल के अंतराल के बाद लालकिले में होने वाले लाइट एंड साउंड शो एक बार फिर से शुरु कर दिया गया है। इस बार के शो की खासियत यह है कि इसे लाल किले का रखरखाव करने वाले डालमिया समूह ने तैयार किया है, इससे पहले इस तरह के शो का निर्माण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता रहा है। डालमिया समूह द्वारा शुरु किये गये इस शो को “जय हिंद” नाम दिया गया है। इस शो को लेकर विवाद शुरु हो गया है। विवाद का कारण इस शो में गांधी और नेहरू के योगदान को कम करके दिखाया गया है। जबकि सुभाषचंद्र बोस और मराठाओं के योगदान को ज्यादा जगह दी गई है।  

लाइट एंड साउंड शो के अलावा प्रधानमंत्री संग्रहालय में भी इस तरह कोशिशें जारी हैं। प्रधानमंत्री संग्रहालय जिसे एक साल पहले तक तीन मूर्ति स्मारक(नेहरू संग्रहालय) के तौर पर जाना जाता था। वहां भी उनके कद से छेड़छाड़ के प्रयास जारी हैं ऐसी कोशिशों का एक हालिया प्रयास है लालकिले पर चलने वाले लाइट एंड साउंड पर उनके योगदान को कम करके दिखाना।