सरकार ने बुधवार को अक्टूबर से शुरू होने वाले 2023-24 सीज़न के लिए उचित और लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी 10 रुपये बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दी। एफआरपी गन्ना उत्पादकों को मिलों द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम कीमत होती है। यह न्यूनतम समर्थन मूल्य की तरह है।
केंद्र ने गन्ने पर प्रति क्विंटल 10 रुपये बढ़ाकर 315 किए
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- 28 Jun, 2023

कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की कैबिनेट ने गन्ना किसानों के लिए बड़ी घोषणा की है। जानिए, इसने क्या-क्या कहा है।

लेकिन यह इस मायने में अलग है कि एफ़आरपी सरकार की ओर से तय किया गया मूल्य है, जिस पर मिलें किसानों से खरीदे गए गन्ने का भुगतान कानूनी रूप से करने के लिए बाध्य हैं। एफआरपी में बढ़ोतरी से हमेशा देश के सभी किसानों को फायदा नहीं हो पाता। दरअसल, कुछ राज्यों में एफआरपी के अलावे गन्ने की पैदावार के लिए राज्य समर्थित मूल्य यानी एसएपी भी तय किया जाता है। उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा राज्य के किसान अपनी फ़सल के लिए एसएपी तय करते हैं। आम तौर पर पर एसएपी का मूल्य केंद्र सरकार के एफआरपी मूल्य से अधिक होता है।




















