क्या केंद्र सरकार कृषि क़ानूनों पर पहले से अधिक सख़्त रुख अपनाएगी और बातचीत फिर शुरू करने में दिलचस्पी नहीं लेगी? क्या किसान संगठन मंगलवार को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद अपने पहले के स्टैंड से पीछे हटेंगे और कम पर राजी होकर किसी तरह आन्दोलन ख़त्म कर देंगे? क्या अगले एक-दो दिन में सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत होगी और यदि होगी तो किस आधार पर होगी?