चुनाव आयोग ने गुरुवार को ही मोदी को उनके बयानों के लिए नोटिस दिया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छीछालेदर हो चुकी है। लेकिन पीएम मोदी मान नहीं रहे हैं। जैसे उन्हें किसी की परवाह नहीं है। उन्होंने गुरुवार को पहले मुरैना में और बाद में आगरा फिर से मुसलमानों को टारगेट करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। मोदी ने विरासत टैक्स का मुद्दा उठाया और कहा कि इसे पूर्व पीएम राजीव गांधी ने अपने फायदे के लिए रद्द किया था। जानिए मोदी ने और क्या कहाः
पीएम मोदी ने कांग्रेस और मुसलमानों पर अपना भाषण तीखा करते हुए मुरैना और आगरा में गुरुवार 25 अप्रैल को कहा- "कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, जबकि मैं कह रहा हूं कि इस पर पहला अधिकार गरीबों का है।" पीएम नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति और कीमती सामान का एक्स-रे कराकर उनके आभूषण और छोटी बचत को जब्त करना चाहती है। हालांकि न तो कांग्रेस ने ऐसा कहा है और न ही उसके घोषणापत्र में ऐसी कोई बात लिखी है। लेकिन मोदी हैं कि मानते ही नहीं।
मोदी ने पहले दौर का चुनाव खत्म होने के बाद मुसलमानों को टारगेट करना शुरू किया था। अब दूसरे दौर का मतदान शुक्रवार 26 अप्रैल को है। यानी अब तीसरे दौर का चुनाव अभियान शुरू हो गया है और पीएम मोदी की भाषा मुसलमानों पर और तीखी हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री (दिवंगत) राजीव गांधी ने विरासत कर (Inheritance Tax) को खत्म कर दिया था क्योंकि वह अपनी विरासत में मिली संपत्ति को सरकार के साथ साझा नहीं करना चाहते थे। मध्य प्रदेश के मुरैना में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर फिर से विरासत टैक्स लगाना चाहती है।
मोदी ने मुरैना में दावा किया कि "विरासत कर से जुड़े तथ्य आंखें खोल देने वाले हैं... जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मृत्यु हुई तो उनकी संपत्ति उनके बच्चों को मिलने वाली थी। लेकिन पहले एक नियम था कि संपत्ति बच्चों को मिलने से पहले उसका कुछ हिस्सा बच्चों को मिल जाता था। ...संपत्ति को बचाने के लिए...ताकि यह सरकार के पास न जाए, तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने विरासत कानून को खत्म कर दिया।''
हालांकि मोदी के विरासत टैक्स वाली बात का कांग्रेस ने खंडन किया है। उसका कहना है कि उसका ऐसा कोई इरादा नहीं है। अलबत्ता पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, भाजपा नेता मोहनदास पई, अमित मालवीय जैसे लोग विरासत टैक्स के समर्थन में रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के पुराने बयान शेयर कर बताया कि किस तरह भाजपा के लिए विरासत टैक्स की वकालत करते रहे हैं। लेकिन राजीव गांधी ने इस विरासत टैक्स को खत्म किया और जिस चीज को राजीव गांधी ने खत्म किया, उसे कांग्रेस वापस कभी भी नहीं ला सकती।