loader
पीएम मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो रविवार को नई दिल्ली में।

कनाडा के खालिस्तानी तत्वों पर मोदी-जस्टिन ट्रूडो में खुलकर बातचीत

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने रविवार को कहा कि उन्होंने और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपनी बैठक के दौरान खालिस्तानी उग्रवाद और "विदेशी हस्तक्षेप" के बारे में बात की। कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों में वृद्धि और चरमपंथी तत्वों के प्रति उसके नरम रुख पर भारत आपत्ति जता चुका है। कनाडाई पीएम की टिप्पणी उसी संदर्भ में है।
मीडिया से बातचीत के दौरान सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "दोनों मुद्दे सामने आए। पिछले कुछ वर्षों में, पीएम मोदी के साथ हमने उन दोनों मुद्दों पर कई बातचीत की है।"
ताजा ख़बरें
खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन के बारे में कनाडा के पीएम ने कहा कि "कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा" और ये उस देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि "हम हिंसा को रोकने और नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।"
ट्रूडो ने कहा- "मुझे लगता है कि सिख समुदाय के मुद्दे पर, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। यह इसका दूसरा पक्ष है। हमने कानून के शासन का सम्मान करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला और हमने विदेशी हस्तक्षेप के बारे में भी बात की। कनाडा इस मामले में किसी भी देश का हस्तक्षेप पसंद नहीं करता है।"
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने और कनाडाई पीएम ने "विभिन्न क्षेत्रों में भारत-कनाडा संबंधों की पूरी श्रृंखला पर चर्चा की"। 
इससे पहले दिन में, सूत्रों ने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "हमेशा चिंता इस बात पर चिंता जताई है जब देश की संप्रभुता प्रभावित होती है।" सूत्र ने सवाल किया गया था क्या मोदी और ट्रूडो की बैठक के दौरान कनाडा में खालिस्तान चरमपंथ का मुद्दा उठा था।
देश से और खबरें
बता दें कि जुलाई में, भारत सरकार ने दिल्ली में कनाडाई राजदूत को बुलाया था और कनाडा में खालिस्तान समर्थक समूहों की बढ़ती उपस्थिति के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए एक औपचारिक राजनयिक संदेश दिया था।
उस समय, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा ने आतंकवाद के खिलाफ लगातार कड़े कदम उठाए हैं और ऐसा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मानना ​​गलत है कि उनकी सरकार देश के भीतर खालिस्तान समर्थकों और आतंकवादियों के प्रति उदार है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें