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सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो मोरबी हादसे की जांचः ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को मोरबी पुल हादसे को लेकर बीजेपी पर सीधा हमला बोला। ममता ने गुजरात के मोरबी में झूलतो पुल गिरने की घटना की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने यह भी सवाल किया कि मोरबी की घटना की जांच के लिए सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को क्यों नहीं लगाया गया है। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने मोरबी पुल ढहने की घटना में जवाबदेही तय करने की मांग भी की। 
ममता ने जोर देकर कहा, राजनीति महत्वपूर्ण नहीं है... चुनाव महत्वपूर्ण नहीं है...लेकिन कीमती जिन्दगियां महत्वपूर्ण हैं।
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बता दें कि 31 मार्च 2016 को कोलकाता में एक निर्माणाधीन पुल गिरने से 27 लोग मारे गए थे। यह घटना पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई थी। उस समय ममता बनर्जी की पार्टी ने इसे ईश्वरीय घटना बताया था। बाद में प्रधानमंत्री मोदी जब बंगाल में चुनाव प्रचार करने पहुंचे तो उन्होंने ममता को सीधे संबोधित करते हुए कहा था, दीदी यह एक्ट ऑफ गॉड नहीं, एक्ट ऑफ फ्रॉड है।
इसके बाद जब पिछले रविवार को मोरबी में पुल गिरने का हादसा हुआ, जिसमें 140 लोग मारे गए तो आम लोगों ने पीएम मोदी के उस भाषण के वीडियो को शेयर करते हुए बीजेपी से सवाल पूछा कि अब एक्ट ऑफ गॉड है या एक्ट ऑफ फ्रॉड है। पीएम मोदी के भाषण का यह वीडियो अभी भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है।

अन्य मुद्दे

चेन्नई पहुंचकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ अन्य मुद्दों पर भी मीडिया से बात की।
ममता ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 यानी सीएए को लागू करने के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह पूरी तरह से सीएए के खिलाफ हैं। उन्होंने बीजेपी पर आगामी गुजरात चुनावों में इस मुद्दे को उठाकर फायदा लेने का आरोप लगाया। बता दें कि गुजरात के आणंद और मेहसाणा जिलों में रहने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्यों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र देने का आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिया है।

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ममता ने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन से अपनी मुलाकात के बारे में कहा कि स्टालिन मेरे राजनीतिक दोस्त हैं। यह मेरी व्यक्तिगत यात्रा है। लेकिन जब दो नेता मिलते हैं तो कयास लगाए जाते हैं। लेकिन हमारी मुलाकात का राजनीतिक अर्थ नहीं लगाया जाए।

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क़मर वहीद नक़वी
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