राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से सालाना लगभग 12,000 मौतें दर्ज होती हैं, जो राजधानी में होने वाली कुल मौतों का 11.5 फीसदी है।
डब्ल्यूएचओ 24 घंटे की अवधि में 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर को सुरक्षित जोखिम मानता है, जबकि भारतीय स्टैंडर्ड 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की अनुमति देता है। शहर विशेष के डेटा से पता चला है कि दिल्ली में PM2.5 के स्तर में 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की बढ़ोतरी पर दैनिक मृत्यु दर में 0.31 फीसदी की वृद्धि हो जाती है, जबकि बेंगलुरु में 3.06 फीसदी की वृद्धि हो जाती है। यानी बेंगलुरु में इंडस्ट्रियल प्रदूषण इसे और बढ़ा देता है और दिल्ली से भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है।