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ओवैसी को लेकर मुनव्वर बोले- दूसरा जिन्ना नहीं पैदा होने देंगे

बिहार के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम की धमाकेदार दस्तक के बाद से उत्तर भारत में खलबली मची हुई है। कांग्रेस और आरजेडी तो उसे अपनी हार के लिए जिम्मेदार बता ही रही हैं, मजलिस के नेता असदउद्दीन ओवैसी पर बीजेपी की बी टीम होने के आरोप भी लगा रही हैं। 

बिहार के सीमांचल में मुसलिम मतदाताओं के मतों का अच्छा-खासा हिस्सा हासिल करने में सफल रहे ओवैसी ने उत्तर भारत में सेक्युलर राजनीति करने का दावा करने वाली पार्टियों की सांसें फुला दी हैं। उन्हें डर है कि ओवैसी के आने से उनका सियासी मुस्तकबिल बेनूर हो जाएगा। इसलिए, कांग्रेस और आरजेडी ने बीते दिनों में ओवैसी पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। 

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राजनीतिक दलों के बाद ओवैसी पर हमला करने आगे आए हैं मशहूर शायर मुनव्वर राणा। ओवैसी के ख़िलाफ़ मुनव्वर राणा और उनके राजनीतिक आलोचकों के तर्क लगभग एक जैसे हैं। जैसे कि ओवैसी दक्षिण के राज्यों में क्यों नहीं मुसलमानों की लड़ाई लड़ते और उत्तर भारत में उनके आने का मक़सद बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाना है। हालांकि ओवैसी इन तर्कों और आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं। 

फ्रांस में कार्टून विवाद के दौरान एक शिक्षक की हत्या के मामले को लेकर विवादित बयान देने वाले मुनव्वर राणा ने ओवैसी को नया जिन्ना बताकर नई बहस को जन्म दे दिया है। 

यहां क्यों आए ओवैसी?

मुनव्वर राणा ने ‘इंडिया टीवी’ को दिए इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश की गंगा-जमुनी तहजीब के बारे में बात करते हुए असदउद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन के 15 मिनट वाले बयान का जिक्र किया और कहा कि हम इस मुल्क़ में हिंदुओं के बिना नहीं रह सकते। उन्होंने सवाल उठाया कि ओवैसी के यहां आने का क्या मक़सद है। 

munawwar rana opposed Asaduddin owaisi politics - Satya Hindi

राणा ने कहा कि ओवैसी 15 हज़ार करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, वह बीजेपी के लिए मुसलमानों का हांका लगाते हैं और उनका शिकार कर लेते हैं। 

बंगाल, यूपी को लेकर सरगर्मी

ओवैसी ने बिहार में मिली सफलता के बाद हुंकार भरी है कि वह उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी मजलिस के बैनर तले उम्मीदवार उतारेंगे। इससे कांग्रेस, टीएमसी, वाम दल, बीएसपी, एसपी खासे परेशान हैं। क्योंकि हिंदुस्तान में मुसलमानों की बुलंद आवाज़ बनकर उभर रहे ओवैसी इन राज्यों में जाकर मुसलमान मतों में सेंध लगाएंगे और इसका सीधा नुक़सान इन पार्टियों को होगा। इन राज्यों में से उत्तर प्रदेश में मुसलमान 17 फ़ीसदी और बंगाल में 34 फ़ीसदी तक हैं। 

‘मुसलमान रहेगा या जिन्ना’

मुनव्वर राणा से इस बाबत सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘लड़ें वो कहीं से लेकिन अब हम हिंदुस्तान में दूसरा जिन्ना नहीं पैदा होने देंगे। ये कहीं भी जाएं, हम इन्हें जीतने नहीं देंगे, कई जगह से इन्हें जूते मारकर निकाला जाएगा। हमने भी यह तय कर लिया है कि या हिंदुस्तान में मुसलमान रहेगा या जिन्ना रहेगा।’

मशहूर शायर राणा ने कहा, ‘हम मुसलमानों को ये बताएंगे कि आप बेवक़ूफी कर रहे हैं, आपको रहना इस मुल्क़ में हिंदुओं के साथ है, ये आदमी आपको दंगे-फसाद में छोड़कर भाग जाता है।’

उन्होंने कहा, ‘ओवैसी हैदराबाद, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में मुसलमानों की सियासत करें, यूपी, बिहार, एमपी में आकर मुसलमानों को न बरगलाएं।’ उन्होंने ओवैसी से पूछा कि क्या आप इस मुल्क़ में एक नकली पाकिस्तान के नाम पर मुसलमानों का क़त्लेआम करवाना चाहते हैं?

राणा ने दोहराया कि मुसलमान हिंदुस्तान में हिंदुओं के बगैर नहीं रह सकते और उनके साथ रहना चाहते हैं। 

मुसलमानों के निशाने पर मुनव्वर 

जैसे ही मुनव्वर राणा का यह इंटरव्यू टीवी चैनल और यू ट्यूब पर आया, मुसलमानों के एक तबक़े ने उन्हें निशाना बनाना शुरू कर दिया। मोहम्मद जमील नाम के शख़्स ने लिखा कि ये ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इनकी बेटी कांग्रेस में है। उन्होंने कहा कि ये शख़्स ज़हनी तौर पर कमजोर है। कुछ और मुसलमानों ने उन्हें गद्दार बताते हुए लिखा कि इस शख़्स पर लानत है। कुछ लोगों ने कहा कि शायर सठिया गए हैं और उन्हें अपना दिमागी इलाज कराना चाहिए। 

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ख़ैर, जिस तरह के जोश में मुनव्वर राणा ने कहा है कि वे ओवैसी को हिंदी भाषी राज्यों में जीतने नहीं देंगे और जिन्ना बताया है, उससे साफ है कि इतना मुनव्वर भी जानते हैं कि ओवैसी के आने से मुसलमान उनकी ओर जाएंगे और इससे मुसलमान मतों का बंटवारा होगा और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा। 
राणा ने कहा कि ओवैसी 15 हज़ार करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, वह बीजेपी के लिए मुसलमानों का हांका लगाते हैं और उनका शिकार कर लेते हैं।

यही डर उत्तर प्रदेश और बंगाल में बीजेपी के विरोधी दलों को है। वे भी ओवैसी के आने से डरे हुए हैं। कुल मिलाकर ये राजनीतिक हालात बीजेपी के मुफ़ीद हैं और वह चाहती है कि ओवैसी ऐसे राज्यों में चुनाव लड़ें जहां मुसलिम आबादी अच्छी संख्या में है। 

उसका कारण यह है कि बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठन ओवैसी की तकरीरों को हिंदुओं के सामने इस तरह से पेश करते हैं कि उनके ख़्याल हिंदुस्तान के भीतर एक और पाकिस्तान बनाने के हैं और वे इससे हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश करते हैं। इसमें उन्हें सफलता भी मिलती है और मुसलिम मतों का बंटवारा हो जाता है, जिससे फ़ायदा अंतत: बीजेपी को ही होता है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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