प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर राज्यों की चिंता बढ़ गई है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद बड़े राज्यों को हर साल लगभग 7,000 से 9,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व नुकसान होने की आशंका जताई गई है। अधिकारियों के अनुसार, यह बदलाव चालू वित्त वर्ष के मध्य से लागू हो सकता है। पीएम मोदी ने इसे दीवाली तोहफा बताया था। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि प्रस्तावित जीएसटी स्लैब से आम लोगों को फायदा होगा, यह फायदा इनकम टैक्स के मुकाबले ज्यादा बेहतर है।