NIA की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि पहलगाम हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हैंडलर था और आतंकी संगठन TRF ने हमले को अंजाम दिया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में इस साल 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की जाँच में बड़ा खुलासा किया है। इसने 1597 पन्नों की चार्जशीट जम्मू की विशेष एनआईए अदालत में दाखिल की है। चार्जशीट में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा यानी एलईटी के प्रमुख कमांडर साजिद जट्ट को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है, जबकि हमले को एलईटी की प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ़ ने अंजाम दिया। एनआईए ने इसे 'धर्म के आधार पर निशाना बनाकर की गई हत्याएं' करार देते हुए पाकिस्तान की सीधी संलिप्तता की जानकारी दी है।
यह चार्जशीट जून में पहली गिरफ्तारी के 180 दिनों की समयसीमा के अंदर दाखिल की गई है। जाँच में एनआईए ने 1000 से अधिक लोगों से पूछताछ की, तकनीकी और फोरेंसिक सबूत जुटाए, जिनसे पाकिस्तान आधारित आतंकियों की भूमिका साबित हुई है। मुख्य साज़िशकर्ता साजिद जट्ट रियासी बस हमला, पूंछ आईएएफ काफिला हमले जैसे कई अन्य हमलों में भी शामिल बताया जाता है।
चार्जशीट में नामजद आरोपी
एनआईए ने कुल सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है-
- साजिद जट्ट: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला एलईटी का वरिष्ठ कमांडर है। वह टीआरएफ का प्रमुख भी है और हाफिज सईद के बाद संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल है। वह भर्ती, फंडिंग, घुसपैठ और हमलों की योजना बनाता है। एनआईए ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
- तीन पाकिस्तानी आतंकी: फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी ने हमला किया। ये तीनों जुलाई 2025 में श्रीनगर के डाचीगाम जंगल में ऑपरेशन महादेव के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए थे।
- दो स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर: बशीर अहमद जोथर और परवेज अहमद जोथर। ये दोनों 22 जून 2025 को गिरफ्तार हुए थे। इन्होंने आतंकियों को पनाह दी और पूछताछ में तीनों पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान बताई।
एलईटी और टीआरएफ को संगठन के रूप में आरोपी बनाया गया है। सभी पर भारतीय न्याय संहिता 2023, आर्म्स एक्ट 1959 और यूएपीए 1967 की संबंधित धाराओं के अलावा भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया गया है।
जाँच के प्रमुख सबूत
- तीन मारे गए आतंकियों के मोबाइल फोन से आधार कार्ड, फोटो और फ़ेसबुक आईडी मिले।
- पाकिस्तान स्थित हैंडलर साजिद जट्ट और आतंकियों के बीच एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड संचार डीकोड किए गए।
- गिरफ्तार जोथर बंधुओं ने आतंकियों की पहचान और एलईटी से जुड़ाव की पुष्टि की।
- डिजिटल ट्रेस से पाकिस्तान के सेफ हाउस (मुजफ्फराबाद और कराची) तक लिंक मिले।
एनआईए ने कहा कि हमला पाकिस्तान प्रायोजित था और इसका मक़सद पर्यटन को निशाना बनाकर कश्मीर में अशांति फैलाना था।
पहलगाम हमला
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन घाटी में तीन-चार हथियारबंद आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। ज्यादातर पीड़ित हिंदू पर्यटक थे, जिन्हें धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया। हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय नागरिक मारे गए। टीआरएफ ने शुरू में जिम्मेदारी ली, लेकिन बाद में इनकार किया।
हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी कैंपों पर सटीक हमले किए गए। इसमें कम से कम 100 आतंकी मारे गए। इसकी प्रतिक्रिया में पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें लड़ाकू विमान, मिसाइल, ड्रोन और तोपखाने का इस्तेमाल हुआ। 9-10 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 13 एयरबेस और सैन्य ठिकानों पर हमले किए। चार दिनों की लड़ाई के बाद 10 मई की शाम दोनों देशों ने समझौता कर युद्धविराम किया।
यह हमला 2019 में पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा था और इसने भारत-पाकिस्तान संबंधों को युद्ध की कगार पर ला दिया।
एनआईए ने कहा कि जांच जारी है और जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल की जाएगी।