समझौता एक्सप्रेस बम धमाकों में आया फ़ैसला पढ़ने के बाद यह शक मज़बूत होता है कि एनआईए ने 2014 में सत्ता बदलने के बाद केस को जानबूझकर कमज़ोर किया। इस मामले में फ़ैसला देने वाले पँचकुला स्पेशल कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने कहा है कि वे बहुत सारे सबूत जो अभियुक्तों के ख़िलाफ़ केस को मज़बूत कर सकते थे, वे अदालत के सामने पेश ही नहीं किए गए। उन्होंने अपने 160 पेज के फ़ैसले में कहा है कि इसी कारण उनको सभी अभियुक्तों को बरी करना पड़ा और 'असली मुजरिम' सज़ा से बच गए। यह विस्तृत फ़ैसला कल सार्वजनिक किया गया।
इस सिलसिले में जज ने चार प्रमुख ‘चूकों’ का उल्लेख किया है जो अगर नहीं होतीं तो ‘असली मुजरिम’ बच नहीं निकलते। जज के अनुसार ये चूकें क्यों होने दी गईं, यह तो जाँच एजंसी ही जानती है।