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फ़ोटो साभार: ट्विटर/नोवावैक्स

भारत में तैयार होने वाला नोवावैक्स का टीका ट्रायल में 90% प्रभावी

अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की वैक्सीन ने 90 फ़ीसदी प्रभाविकता दिखाई है। इस वैक्सीन को बनाने के लिए भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने क़रार किया है। नोवावैक्स की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल का परिणाम आया है और कंपनी ने उसके आँकड़े साझा किए हैं। इसने सोमवार को कहा है कि यह वैक्सीन कोरोना के वैरिएंट पर भी प्रभावी रही है। 

कंपनी की ओर से कहा गया है कि वैक्सीन मध्यम और गंभीर बीमारी से 100 सुरक्षा मुहैया कराती है और कुल मिलाकर 90.4 फ़ीसदी प्रभावी है। कंपनी ने इसकी जानकारी ट्वीट कर भी दी है। 

नोवावैक्स ने कहा है कि 'वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न' और 'वैरिएंट ऑफ़ इंटेरेस्ट' के ख़िलाफ़ यह 93 फ़ीसदी और आम वैरिएंट के ख़िलाफ़ 100 फ़ीसदी प्रभावी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन 'वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न' और 'वैरिएंट ऑफ़ इंटेरेस्ट' को चिन्हित करता है और इसका मतलब है कि कोरोना के ये वैरिएंट आम वैरिएंट से ज़्यादा तेज़ी से फैलने वाले और ज़्यादा ख़तरनाक भी हो सकते हैं। 

नोवावैक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष स्टेनले सी. एर्क ने कहा है कि दुनिया के सार्वजनिक स्वास्थ्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नोवावैक्स एक और क़दम नज़दीक पहुँच गया है। उन्होंने कहा है कि नोवावैक्स की वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के आँकड़े बेहद प्रभावी हैं। 

कंपनी ने तीसरे चरण के ट्रायल के आँकड़ों के आधार पर वैक्सीन को सुरक्षित बताया है। इसने कहा है कि वैक्सीन के गंभीर दुष्परिणाम के मामले बेहद मामूली थे। 

कंपनी ने कहा है कि कंपनी इस साल की तीसरी तिमाही में वैक्सीन की आपात मंजूरी के लिए आवेदन करना चाहती है। बाद में इसने कहा कि तीसरी तिमाही के आख़िर में कंपनी हर महीने 10 करोड़ वैक्सीन तैयार कर रही होगी और इस साल के आखिर में हर महीने 15 करोड़ वैक्सीन तैयार करने की क्षमता रखेगी। 

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नोवावैक्स से भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने क़रार किया है। नोवावैक्स की जिस वैक्सीन के आँकड़े अभी आए हैं भारत सरकार ने इससे भी काफ़ी उम्मीदें रखी हैं। सरकार ने पहले जो अगस्त से लेकर दिसंबर तक 216 करोड़ कोरोना टीके उपलब्ध कराने की बात कही है उसमें नोवावैक्स की 20 करोड़ खुराक भी शामिल है। 

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बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि इस साल के आख़िर तक कोविशील्ड की 75 करोड़, कोवैक्सीन की 55 करोड़, बायो ई सब यूनिट वैक्सीन 30 करोड़, जायडस कैडिला डीएनए वैकासीन 5 करोड़, सीरम इंस्टीट्यूट- नोवावैक्स की 20 करोड़, बीबी नेजल वैक्सीन 10 करोड़, जिनोवा वैक्सीन 6 करोड़ और स्पुतनिक की वैक्सीन 15.6 करोड़ उपलब्ध होगी। 

सीरम इंस्टीट्यूट ही ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका कंपनी की वैक्सीन को तैयार कर रहा है और सरकार की ओर से कहा गया है कि वह कंपनी पाँच महीने में कोविशील्ड की 75 करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगी। भारत में फ़िलहाल तीन टीकों- कोविशील्ड, कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक को मंजूरी दी गई है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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