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'अग्निपथ' योजना से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है: अजीत डोभाल

अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा है कि इसे वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कहा कि 'रोलबैक का कोई सवाल ही नहीं है।' डोभाल ने कहा कि इस योजना को एक नज़रिए से देखा जाना चाहिए न कि एक अलग-थलग योजना के रूप में।

एएनआई से बातचीत में डोभाल ने कहा कि यह योजना देश को सुरक्षित बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा, 'इसमें उपकरण, प्रणाली और प्रौद्योगिकी में बदलाव और भविष्य की नीतियों से जुड़े कई क़दम शामिल हैं।'

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जब केंद्र सरकार द्वारा पहली बार अग्निपथ योजना की घोषणा की गई तो 14 जून से देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। कई राज्यों में ट्रेनों को जलाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुँचाने और आंदोलनकारियों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध करने की घटनाएँ हुई थीं। उम्मीदवारों ने अपनी प्रमुख चिंताओं के रूप में नौकरी की सुरक्षा और सेवा के बाद के लाभों को उठाया है। इन भर्तियों में से केवल 25 प्रतिशत को ही उसके बाद 15 साल का नियमित कमीशन दिया जा सकता है।

इन्हीं विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने अपने फ़ैसले के बचाव के लिए कई शख्सियतों को उतारा। इन्हीं में अब सबसे ताज़ा अजीत डोभाल हैं। 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा,

इसे एक नज़रिए से देखने की ज़रूरत है। यह अपने आप में एक स्टैंडअलोन योजना नहीं है। 2014 में जब पीएम मोदी सत्ता में आए तो उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक भारत को सुरक्षित और मज़बूत बनाना था। इसके लिए कई रास्ते, कई कदम ज़रूरत थी।


अजीत डोभाल, एनएसए

उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर वे चार प्रमुख बदलाव हैं। इसके लिए उपकरणों की आवश्यकता है, इसके लिए प्रणालियों और संरचनाओं में बदलाव की आवश्यकता है, इसके लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव की आवश्यकता है, इसके लिए जनशक्ति और नीतियों में बदलाव की आवश्यकता है, जो कि भविष्यवादी होना चाहिए।

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योजना के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन पर एनएसए ने कहा कि आवाज़ उठाना उचित है लेकिन बर्बरता ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि विरोध, आपकी आवाज़ उठाना उचित है और लोकतंत्र में इसकी अनुमति है। लेकिन इस बर्बरता, इस हिंसा की अनुमति नहीं है और इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।' 
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क़मर वहीद नक़वी
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