सपा के हलफनामे नहीं मिलने के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के दावे के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव और हमलावर हो गए हैं। उन्होंने पत्रकारों को एफिडेविट की कॉपियाँ दिखाते हुए दावा किया कि समाजवादी पार्टी ने 18000 एफिडेविट दायर किए हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने उन पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आयोग उनके एफिडेविट पर कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही अखिलेश ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि पिछड़ी जातियों के मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं। इसे उन्होंने 'वोट चोरी' से भी आगे 'वोट की डकैती' करार दिया।
पिछड़ी जाति के वोटरों के नाम हटे, 18000 एफिडेविट पर ECI ने कार्रवाई नहीं की: अखिलेश
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- 18 Aug, 2025
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए कि पिछड़ी जातियों के वोटरों के नाम लिस्ट से हटाए गए और 18000 एफिडेविट दाखिल होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। जानें पूरा मामला।

अखिलेश यादव ने सोमवार को संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, 'हमने लगभग 18000 शपथ पत्र चुनाव आयोग को सौंपे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव आयोग इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा या सरकार को निर्देश देगा। जब मुझे नोटिस मिला तो मैंने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मदद मांगी। हमें जो समय दिया गया, उसमें हम केवल 18000 शपथ पत्र ही तैयार कर पाए। अगर हमें और समय मिलता तो हम इससे कहीं ज्यादा शपथ पत्र तैयार कर सकते थे।' उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर इतने सारे शपथ पत्र जमा करने के बाद भी कोई जांच या कार्रवाई नहीं होती तो फिर लोग चुनाव आयोग पर भरोसा कैसे करेंगे? उपचुनावों में यह कोई छोटी-मोटी चोरी नहीं थी, यह वोट की डकैती थी। अगर चुनाव आयोग इसकी जांच करता है और जिला मजिस्ट्रेट को निलंबित करने का आदेश देता है तो वोट चोरी की घटनाएं पूरी तरह बंद हो जाएंगी।'