पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा में हुई इस जबरदस्त चूक को लेकर सैकड़ों सवाल उठे थे। सवाल उठा था कि केंद्रीय पुलिस बल को बख़्तरबंद गाड़ियाँ यानी आर्म्ड व्हीकल क्यों नहीं मुहैया कराई गईं थीं। इतने बड़े काफ़िले के बीच जैश के आतंकवादी ने कैसे अपनी कार सीआरपीएफ़ की बस से टकरा दी?
एनआईए के मुताबिक़, पुलवामा हमले में इस्तेमाल की गई कार को पहली बार 2011 में बेचा गया था और इसके बाद भी इसे कई लोगों को बेचा गया। हमले से 10 दिन पहले यानी 4 फ़रवरी, 2019 को आतंकवादी सज्जाद भट ने यह कार ख़रीदी थी और मुदासिर ने विस्फ़ोटकों का इंतजाम किया था। सज्जाद भट भी जैश से जुड़ा था।