भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। यह 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय घोड़ा गाइड की जान गई थी। जनरल द्विवेदी ने बताया कि हमले के अगले दिन यानी 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा, "बस बहुत हुआ," और सशस्त्र बलों को पूरी छूट दी गई कि वे इस हमले का जवाब देने के लिए स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करें।


वायुसेना प्रमुख ने भी एक दिन पहले दावा किया था इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के छह लड़ाकू विमान मार गिराए थे। दोनों सेना प्रमुखों के बयान ऑपरेशन सिंदूर खत्म होने के तीन महीने बाद आए हैं। ये बयान अब क्यों दिए जा रहे हैं, इन बयानों की अभी ऐसी जरूरत क्यों पड़ गई, यह सवाल पूछा जाना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर में हर भारतीय सेना के पराक्रम से वाकिफ है और पाकिस्तान पर हमले में उसे काफी नुकसान भी हुआ, लेकिन अब इस पर फिर से बयान दिए जा रहे हैं। आमतौर पर सेना प्रमुखों का किसी राजनीति से लेना देना नहीं होता लेकिन इस तरह के उनके बयानों की टाइमिंग मायने रखती है।