एयर चीफ मार्शल सिंह का यह बयान ऑपरेशन के तीन महीने बाद 9 अगस्त 2025 को आया। एक तर्क दिया जा रहा है कि भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन के दौरान एकत्र किए गए डेटा, जैसे सैटेलाइट इमेजरी, रडार डेटा, और स्थानीय खुफिया जानकारी, का गहन विश्लेषण किया। इस प्रक्रिया में समय लगा, क्योंकि नुकसान की सटीक पुष्टि के लिए कई स्रोतों से जानकारी जुटाई गई। हालाँकि, इसके साथ रणनीतिक समय को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
यह खुलासा ऐसे समय में हुआ जब भारत में राजनीतिक और सामाजिक माहौल गरम है। ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा ऐसे समय में हुआ, जब सरकार पर चुनाव आयोग की गतिविधियों को लेकर जवाब देने का दबाव है। हालांकि, इस दावे का कोई ठोस सबूत नहीं है। सैन्य ऑपरेशनों के खुलासे आमतौर पर रणनीतिक और तकनीकी कारणों से समय लेते हैं। एयर चीफ मार्शल सिंह ने अपने बयान में साफ किया कि ऑपरेशन की सफलता के लिए सैटेलाइट इमेजरी और स्थानीय मीडिया की तस्वीरें जैसे पुख्ता सबूत मौजूद हैं, जो इस दावे को विश्वसनीय बनाते हैं। फिर भी, समय को लेकर संदेह बना हुआ है, क्योंकि यह खुलासा घरेलू राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हुआ।