ऑपरेशन सिंदूर के तीन महीने बाद अब भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शनिवार को एक सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा है कि मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के छह विमानों को मार गिराया गया था। इनमें पांच फाइटर जेट और एक हाई-वैल्यू सर्विलांस विमान शामिल था। यह संभवतः एक एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम या इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस विमान था। तीन महीने में यह पहली बार है जब किसी सशस्त्र बल के वरिष्ठ अधिकारी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना को हुए नुकसान की संख्या को सार्वजनिक रूप से उजागर किया है। तो सवाल है कि अब इसको सार्वजनिक क्यों किया गया जब देश में चुनाव आयोग को लेकर हंगामा मचा है? भारत-पाक संघर्ष के दौरान क्यों नहीं किया गया जब अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ता?

इन सवालों के जवाब जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर ऑपरेशन सिंदूर का समय क्या था और किस तरह घटनाक्रम चले। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू किया गया था। भारत ने इस आतंकी हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-ताइबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्षविराम हो गया।
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वायु सेना प्रमुख का बयान

बेंगलुरु में आयोजित 16वें एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे मेमोरियल लेक्चर में एयर चीफ मार्शल सिंह ने ऑपरेशन की सफलता का श्रेय मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) के बीच समन्वय को दिया। उन्होंने कहा, 'हमने कम से कम पांच फाइटर जेट और एक बड़े विमान को मार गिराया, जो 300 किलोमीटर की दूरी से नष्ट किया गया। यह अब तक का सबसे लंबी दूरी का सतह-से-हवा में मार करने का रिकॉर्ड है।'

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के जैकबाबाद एयरबेस पर खड़े कुछ अमेरिका निर्मित F-16 जेट्स को नष्ट किया गया। उन्होंने कहा, 'जैकबाबाद में F-16 हैंगर का आधा हिस्सा ध्वस्त हो गया। मुझे यकीन है कि अंदर मौजूद कुछ विमान क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा, हमने मुरिद और चकलाला जैसे दो कमांड और कंट्रोल सेंटर, छह रडार, और तीन हैंगर- सुक्कुर यूएवी हैंगर, भोलारी हैंगर और जैकबाबाद F-16 हैंगर को निशाना बनाया।'

S-400 सिस्टम की भूमिका

एयर चीफ मार्शल सिंह ने रूस से प्राप्त S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को गेम-चेंजर करार दिया। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम की लंबी रेंज ने पाकिस्तानी विमानों को भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसने से रोका और उनके लंबी दूरी के ग्लाइड बमों को बेअसर कर दिया। उन्होंने कहा,
हमारी वायु रक्षा प्रणालियों ने शानदार काम किया। S-400 ने दुश्मन के विमानों को हमारे हवाई क्षेत्र के करीब आने से रोका।
अमर प्रीत सिंह
एयर चीफ मार्शल

पाकिस्तान को नुकसान और युद्धविराम

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने न केवल हवाई हमले किए, बल्कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, लॉइटरिंग म्यूनिशन्स और उन्नत ड्रोनों का उपयोग कर भोलारी और रहीम यार खान जैसे प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया। खुफिया जानकारी, सैटेलाइट इमेजरी और स्थानीय मीडिया के ज़रिए नुकसान की पुष्टि हुई। ऑपरेशन के 80-90 घंटों में भारत ने इतना नुकसान पहुंचाया कि पाकिस्तान को अपने डीजीएमओ के माध्यम से युद्धविराम के लिए बातचीत की पेशकश करनी पड़ी।

एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, 'यह एक हाई-टेक युद्ध था। हमने अपने हमलों को संयमित और सटीक रखा क्योंकि हमारा उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, न कि अनावश्यक वृद्धि।' उन्होंने यह भी साफ़ किया कि युद्धविराम में अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं थी, जैसा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर पर सीधी बातचीत के बाद युद्धविराम हुआ। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया था कि केवल एक विमान को "मामूली नुकसान" हुआ। हालांकि, भारतीय वायु सेना के दावों और सैटेलाइट इमेजरी ने इन दावों को खारिज कर दिया।
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तीन महीने बाद खुलासा क्यों?

एयर चीफ मार्शल सिंह का यह बयान ऑपरेशन के तीन महीने बाद 9 अगस्त 2025 को आया। एक तर्क दिया जा रहा है कि भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन के दौरान एकत्र किए गए डेटा, जैसे सैटेलाइट इमेजरी, रडार डेटा, और स्थानीय खुफिया जानकारी, का गहन विश्लेषण किया। इस प्रक्रिया में समय लगा, क्योंकि नुकसान की सटीक पुष्टि के लिए कई स्रोतों से जानकारी जुटाई गई। हालाँकि, इसके साथ रणनीतिक समय को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं।

यह खुलासा ऐसे समय में हुआ जब भारत में राजनीतिक और सामाजिक माहौल गरम है। ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा ऐसे समय में हुआ, जब सरकार पर चुनाव आयोग की गतिविधियों को लेकर जवाब देने का दबाव है। हालांकि, इस दावे का कोई ठोस सबूत नहीं है। सैन्य ऑपरेशनों के खुलासे आमतौर पर रणनीतिक और तकनीकी कारणों से समय लेते हैं। एयर चीफ मार्शल सिंह ने अपने बयान में साफ किया कि ऑपरेशन की सफलता के लिए सैटेलाइट इमेजरी और स्थानीय मीडिया की तस्वीरें जैसे पुख्ता सबूत मौजूद हैं, जो इस दावे को विश्वसनीय बनाते हैं। फिर भी, समय को लेकर संदेह बना हुआ है, क्योंकि यह खुलासा घरेलू राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हुआ।
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चुनाव आयोग, 'चुनाव चोरी' पर हंगामा क्यों?

हाल के दिनों में भारत में चुनाव आयोग और कथित 'चुनाव चोरी' को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ी है। राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद इसपर हंगामा मचा है। राहुल ने कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में ही एक लाख से ज़्यादा फर्जी वोट दर्ज होने का दावा किया। कई एक्स पोस्टों में दावा किया गया कि हाल के चुनावों में अनियमितताएं हुईं, जैसे कि मतगणना में गड़बड़ी, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़, और मतदाता सूची में हेरफेर। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इन आरोपों को जोर-शोर से उठाया है।

कई यूजरों ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने पारदर्शिता की कमी दिखाई और कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना के आंकड़े संदिग्ध हैं। यह अभियान पिछले दो दिनों से जोर पकड़ रहा था, जिसने सरकार और चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ाया।