राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास के तहत बुधवार को रात 8 बजे से 8.15 बजे तक लुटियंस दिल्ली में पूरी तरह से ब्लैकआउट किया गया। पीटीआई ने एनडीएमसी के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि ब्लैकआउट अभ्यास में अस्पताल, डिस्पेंसरी, राष्ट्रपति भवन, पीएमओ, मेट्रो स्टेशन और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान शामिल नहीं थे। इस अभ्यास के तहत राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल के तहत संसद, इंडिया गेट, दूतावासों और प्रमुख प्रशासनिक भवनों वाले नई दिल्ली क्षेत्र में अंधेरा छा गया।

दिल्ली में 55 स्थानों पर अधिकारियों ने सुरक्षा 'ऑपरेशन अभ्यास' चलाया गया। अभ्यास के दौरान, सायरन बजते हुए, सुरक्षित स्थानों की ओर भागते हुए निवासी और स्ट्रेचर पर घायल लोगों को ले जाते हुए कुछ दृश्य देखे गए।

खान मार्केट और चांदनी चौक समेत कई जगहों पर पीसीआर वैन और दमकल गाड़ियां तैनात की गईं, जबकि सुरक्षाकर्मियों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भारी तैनाती की गई। दिल्ली फायर सर्विसेज की क्रेन का इस्तेमाल ऊंची इमारतों तक पहुंचने और "फंसे" लोगों को निकालने के लिए किया गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सायरन बजाया गया। डॉक्टरों की एक टीम और कई एंबुलेंस के साथ फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं।

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कहां-कहां हुई मॉक ड्रिल?

मुंबई: क्रॉस मैदान, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), कल्याण, पुणे, और ठाणे सहित 16 स्थानों पर ड्रिल हुई। रेलवे और सिविल डिफेंस यूनिट्स ने तत्परता दिखाई।

राजस्थान: जयपुर, अजमेर सहित 28 शहरों में सायरन बजाए गए। ब्लैकआउट अभ्यास और निकासी योजनाओं का रिहर्सल हुआ।

हरियाणा: फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, अंबाला, रोहतक सहित 11 शहरों में 'ऑपरेशन अभ्यास' के तहत ड्रिल हुई।

मध्य प्रदेश: इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, और कटनी में शाम 4 बजे से सायरन के साथ अभ्यास शुरू हुआ। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तैयारियों की समीक्षा की।

उत्तर प्रदेश: लखनऊ सहित 19 जिलों में ड्रिल हुई, जिसमें सिविल डिफेंस, पुलिस, और आपदा प्रबंधन टीमें शामिल थीं।

बिहार और झारखंड: पटना सहित 6 शहरों में नागरिकों को आपात स्थिति में बचाव की ट्रेनिंग दी गई।

पंजाब: अमृतसर और जालंधर कैंट में ब्लैकआउट अभ्यास हुआ। फिरोजपुर छावनी में पहले ही 30 मिनट की ड्रिल हो चुकी थी।

अन्य राज्य: चंडीगढ़, हैदराबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, विशाखापत्तनम, देहरादून, और पोर्ट ब्लेयर जैसे शहरों में भी ड्रिल आयोजित हुई।

क्या हुआ मॉक ड्रिल में?

  • हवाई हमले के सायरन बजाए गए, जो 2-5 किमी तक सुनाई दिए।
  • ब्लैकआउट अभ्यास के तहत बिजली बंद की गई, घरों, कार्यालयों, और सड़कों की लाइटें बंद रहीं।
  • नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने, कैमोफ्लाज, और निकासी (इवैक्यूएशन) की ट्रेनिंग दी गई।
  • आग बुझाने, घायलों को निकालने, और आपात सेवाओं की तत्परता का प्रदर्शन हुआ।
  • स्कूल-कॉलेज के छात्र, एनसीसी, एनएसएस, होम गार्ड्स, और सिविल डिफेंस वार्डन शामिल हुए।