भारत के उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ के सम्मान में विदाई नहीं देने के लिए सरकार की आलोचना किए जाने के बीच विपक्ष उनको फेयरवेल डिनर देने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले के कहा गया है कि विपक्ष ने इसकी योजना बनाई है, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की जा सकी है। रिपोर्ट है कि विपक्ष ने धनखड़ को इस भोज के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा है, लेकिन उन्होंने अभी तक इस निमंत्रण को स्वीकार करने की पुष्टि नहीं की है। जो विपक्ष राज्यसभा के स्पीकर के तौर पर जगदीप धनखड़ पर राज्यसभा में काफ़ी भेदभाव किए जाने का आरोप लगाता रहा, वह अब ऐसे सम्मान की तैयारी क्यों कर रहा है? क्या यह उपराष्ट्रपति पद का सम्मान भर है या फिर सरकार पर संवैधानिक पदों के प्रति असम्मान रखने का आरोप लगाकर राजनीतिक लाभ हासिल करना है?