कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने दावा किया है कि उन्होंने पॉडकास्ट में कहीं नहीं कहा कि 26/11 के बाद पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत की जवाबी कार्रवाई को अमेरिका ने रोका था। पिछले दो दिनों से मीडिया में ख़बरें चल रही हैं कि पॉडकास्ट में चिदंबरम ने माना कि 2008 में 26/11 मुंबई हमले के बाद यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई नहीं की। 

इन ख़बरों पर विवाद बढ़ने के बाद चिदंबरम ने बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ी है। चिदंबरम ने मीडिया की इन ख़बरों और सोशल मीडिया पोस्टों का खंडन किया। उन्होंने मीडिया पर उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, "मेघा प्रसाद के पॉडकास्ट के इंटरव्यू के किसी भी हिस्से में मैंने यह नहीं कहा कि 'अमेरिका ने 26/11 हमले के बाद हमें जवाबी कार्रवाई करने से रोका'। फिर भी एक के बाद एक चैनल, मीडिया और ट्विटर यूजर्स मेरे नाम से ग़लत बातें फैला रहे हैं। मीडिया से बात करने के यही ख़तरे हैं!"

यह विवाद 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद यूपीए सरकार की नीति पर केंद्रित है, जहां मीडिया रिपोर्टों के अनुसार चिदंबरम ने कथित तौर पर खुलासा किया था कि अमेरिका से दबाव के कारण भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई नहीं की। बीजेपी ने इसे '17 साल बाद का खुलासा' बताते हुए यूपीए सरकार पर हमला बोला।
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मीडिया रिपोर्टों में क्या दावा किया गया?

पॉडकास्ट के एक हिस्से के सोमवार को सामने आने के बाद विभिन्न मीडिया आउटलेट्स ने चिदंबरम के बयानों को प्रमुखता से कवर किया। रिपोर्टों में मुख्य रूप से यह दावा किया गया कि चिदंबरम ने स्वीकार किया कि 26/11 के बाद वे व्यक्तिगत रूप से पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य प्रतिशोध चाहते थे, लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री के दिल्ली दौरे और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण यूपीए सरकार ने कार्रवाई नहीं की। 

बीजेपी की प्रतिक्रिया

चिदंबरम के स्पष्टीकरण से पहले बीजेपी ने इसे विस्फोटक खुलासा बताया। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, '17 साल बाद चिदंबरम ने स्वीकार किया कि 26/11 को विदेशी दबाव में गलत तरीके से हैंडल किया गया। बहुत देर हो चुकी!' भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोनिया गांधी पर निशाना साधा और कहा कि क्यों यूपीए ने राइस के आदेश माने, क्या सोनिया ने चिदंबरम को ओवररूल किया? अब चिदंबरम की सफाई आने के बाद यह मामला नया मोड़ ले सकता है और बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप बढ़ सकते हैं।