भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को 'दुष्ट देश' (rogue state) करार देते हुए उसकी आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों की कड़ी निंदा की। यूएन में भारत ने पहलगाम मुद्दे पर पाकिस्तान को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है। भारत का यह बयान आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने और धन मुहैया कराने की पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की "खुली स्वीकारोक्ति" के बाद आया है। भारत ने कहा कि उसे पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के बयान पर हैरानी नहीं हुई है।

हाल ही में स्काई न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को फंडिंग और समर्थन दे रहा है। ख्वाजा आसिफ ने कहा था, "हम करीब तीन दशकों से अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं... और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए... यह एक गलती थी, और हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।"

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को पनाह देने और उन्हें वित्तीय मदद प्रदान करने का आरोप लगाया। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान पर कड़े प्रतिबंध लगाए और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करे।

ताज़ा ख़बरें

पहलगाम हमले और संयुक्त राष्ट्र में भारत के सख्त रुख ने एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों को वैश्विक मंच पर उजागर किया है। यह देखना बाकी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है, लेकिन भारत का संदेश स्पष्ट है: आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी।

बहरहाल, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी 'जीरो टॉलरेंस' नीति पर अडिग रहेगा। भारत के रक्षा मंत्री ने कह चुके हैं कि भारत न केवल कूटनीतिक स्तर पर, बल्कि जरूरत पड़ने पर सैन्य स्तर पर भी निर्णायक कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो और पाकिस्तान जैसे देशों को जवाबदेह ठहराए।

भारत के बयान को कई देशों, विशेष रूप से यूएस और ब्रिटेन (यूके) ने समर्थन दिया। अमेरिकी विदेश विभाग ने पहलगाम हमले की निंदा की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता है। यूएस राष्ट्रपति ने दोनों देशों को अपने विवाद सुलझाने की सलाह दी थी।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का एक और सबूत बताया। इस हमले में लश्कर-ए-तैबा के आतंकियों ने एक पर्यटक स्थल को निशाना बनाया, जिसमें 26 लोग मारे गए। भारत ने इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों पर डाली और कहा कि सीमा पार से आतंकियों को हथियार और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भारत के इस रुख की व्यापक चर्चा हो रही है। एक यूजर ने लिखा, "पाकिस्तान को दुष्ट राज्य कहना सही है। पहलगाम हमला दिखाता है कि वे आतंकवाद को कितना बढ़ावा देते हैं।" वहीं, कुछ यूजर्स ने भारत से और सख्त कूटनीतिक और सैन्य कार्रवाई की मांग की।

पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को 'निराधार' बताते हुए खारिज किया। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने दावा किया कि भारत कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन को छिपाने के लिए पाकिस्तान को बदनाम कर रहा है। हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन देने का रिकॉर्ड पूरी दुनिया के सामने है।

इससे पहले भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने एक कड़े बयान में कहा था कि पाकिस्तान का आतंकवाद के प्रति रवैया दुनिया के लिए कोई आश्चर्य नहीं है। पहलगाम हमला इसका ताजा उदाहरण है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।