इस कानून में यह भी प्रावधान है कि अगर परीक्षा लेने वाली एजेंसी का अधिकारी या परीक्षा कराने वाले लोग पेपर लीक कराने के संगठित अपराध में शामिल हैं तो अधिकतम 10 साल और कम से कम 5 साल की सजा और एक करोड़ तक का जुर्माना लगेगा। यह नियम उन लोगों पर लागू होगा जो संगठित होकर पेपर लीक कराते हैं।