योग गुरु रामदेव
मंगलवार को संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद से कहा कि वह मेडिकल की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित न करें। यदि यह गलत दावा किया गया कि यह किसी विशेष बीमारी को ठीक कर सकता है तो पीठ हर प्रोडक्ट पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने पर भी विचार कर सकती है।
योग गुरु की कंपनी के खिलाफ पहले भी सुप्रीम कोर्ट टिप्पणी कर चुका है। पूर्व सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने कार्यकाल में सुनवाई के दौरान कहा था- "इन गुरु रामदेव बाबा को क्या हुआ?...आखिरकार हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया। हम सभी उसका फायदा उठाते हैं। लेकिन, उन्हें अन्य मेडिकल सिस्टम की आलोचना नहीं करनी चाहिए। इस बात की क्या गारंटी है कि वह जिस भी सिस्टम का पालन कर रहे हैं वह आयुर्वेद का होगा। आप विज्ञापनों के प्रकार देखिए, जो सभी डॉक्टरों पर आरोप लगाते हैं जैसे कि वे हत्यारे या कुछ और हैं। बड़े पैमाने पर ऐसे विज्ञापन दिए गए हैं।" आईएमए लंबे समय से रामदेव के तमाम प्रोडक्ट्स को चुनौती दे रही है। कई मामले कोर्ट में भी पहुंचे हैं।