हैदराबाद में बलात्कार और हत्या के चारों अभियुक्तों की पुलिस मुठभेड़ में मौत और उसके बाद वहाँ जश्न से कई सवाल खड़े हो गए हैं। ये सवाल पुलिस प्रशासन और उनके कामकाज के तौर-तरीकों ही नहीं, न्याय व्यवस्था और आम लोगों की बदलती मानसिकता पर भी सवाल उठाते हैं। बढ़ती भीड़ तंत्र वाली मानसिकता और किसी को न्याय दिलाने या न्याय पाने के लिए क़ानून हाथ में लेने की बढ़ती वारदात भी सवाल उठाते हैं कि आख़िर यह हो क्या रहा है, क्यों लोग ऐसा कर रहे हैं।