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...तो 150 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच जाएगा पेट्रोल?

महंगे पेट्रोल और डीजल ने देश भर में हाहाकार मचाया हुआ है। आम आदमी इससे बुरी तरह त्रस्त है लेकिन इस बीच ऐसी ख़बर है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में क्रूड ऑयल यानी कच्चा तेल और महंगा हो सकता है। निश्चित रूप से भारत में भी पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों पर इसका असर पड़ेगा और लोगों पर इसकी जोरदार चोट पड़ेगी। 

मुल्क़ में हालात ये हैं कि देश के चारों महानगरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के अलावा भी कई शहरों में पेट्रोल कई महीनों से 100 रुपये के पार बिक रहा है और डीजल भी इससे ज़्यादा पीछे नहीं है। शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल 108.64 रुपये और डीजल 97.37 रुपये प्रति लीटर की क़ीमत पर बिका। 

लेकिन अर्थव्यवस्था के हालात पर नज़र रखने वाली गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि 2022 में क्रूड ऑयल के दाम 110 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएंगे। क्रूड ऑयल अभी 85 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से मिल रहा है तो पेट्रोल और डीजल ने हाहाकार मचाया हुआ है, अगर यह 110 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया तो हालात क्या होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। 

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सीधा मतलब यह है कि ऐसे हालात में भारत में पेट्रोल की क़ीमत 150 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच जाएगी जबकि डीजल 140 रुपये प्रति लीटर के भाव से बिकेगा। 
Petrol diesel prices hike in india Goldman Sachs  - Satya Hindi

मध्य प्रदेश के अनूपपुर में तो पेट्रोल अभी ही 120 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है जबकि डीजल 110 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। इसी तरह बालाघाट में पेट्रोल 120 रुपये प्रति लीटर के आसपास है।

कब मिलेगी राहत?

पेट्रोल-डीजल की ही तरह एलपीजी सिलेंडर भी लगातार महंगा होता जा रहा है। लेकिन एक बात तय है कि जिस तरह पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है, उससे नहीं लगता कि जनता को कोई राहत आने वाले दिनों में मिलने वाली है। महंगाई की मार से कराह रही जनता को लगातार महंगा ईंधन ख़रीदना पड़ रहा है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।

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अगर गोल्डमैन सैक्स का अनुमान सही साबित हुआ तो हालात बेहद ख़राब हो सकते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को ईंधन पर लगने वाले टैक्स को कम करके जनता को कुछ राहत देनी चाहिए लेकिन वह ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है। 

2014 के लोकसभा चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों को लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार पर बरसने वाली बीजेपी के राज में ईंधन की क़ीमत आसमान छू रही हैं। लेकिन अब वह इसे लेकर पूरी तरह चुप है और उल्टा यूपीए सरकार को दोषी बता रही है।

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क़मर वहीद नक़वी
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