पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान एक पत्र लिखा था जो अब इतिहास का हिस्सा है। कांग्रेस पार्टी ने 30 मई 2024 को लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच इस पत्र को जारी किया था। मनमोहन ने इस पत्र में मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला था। डॉ मनमोहन की उन बातों का महत्व आज भी बरकरार है।
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सातवें चरण में डॉ मनमोहन सिंह सिंह ने कहा था कि केंद्र की भाजपा सरकार ने देश के लोकतंत्र और संविधान को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने अग्निवीर योजना पर प्रहार करते हुए कहा था कि भाजपा सोचती है कि देशभक्ति, बहादुरी और सेवा का मूल्य केवल चार साल है। यह उनके नकली राष्ट्रवाद को दर्शाता है।" उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। दरअसल, पूर्व पीएम ने यह पत्र मतदाताओं के लिए लिखा था, जिसमें पीएम मोदी को भी नसीहतें दी गई थीं।
कांग्रेस पार्टी ने इस पत्र को 30 मई 2024 को लिखा था। भाजपा मनमोहन के मुद्दों का खंडन तो नहीं कर सकी थी लेकिन पीएम मोदी और भाजपा दोनों ने इसका मजाक जरूर उड़ाया था।
उन्होंने कहा था, ''पंजाब का युवा, किसान का बेटा, जो सशस्त्र बलों के जरिये मातृभूमि की सेवा करने का सपना देखता है, अब सिर्फ चार साल के कार्यकाल के लिए भर्ती होने के बारे में दो बार सोच रहा है। अग्निवीर योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने अग्निवीर योजना को खत्म करने का वादा किया है।”
मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा पर उत्सुकता से नजर रख रहा हूं। मोदी जी नफरत भरे भाषणों के सबसे वीभत्स रूप में शामिल हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी प्रकृति के हैं।
मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा था, "मोदी जी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने सार्वजनिक चर्चा की गरिमा को कम किया है, और इस तरह प्रधान मंत्री के कार्यालय की गंभीरता को कम किया है।"
अतीत में किसी भी प्रधान मंत्री ने इस तरह के घृणित, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है, जिसका उद्देश्य समाज के एक विशिष्ट वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाना था।
डॉ मनमोहन सिंह ने कहा था कि मोदी ने कुछ झूठे बयानों के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराया है। मैंने अपने जीवन में कभी भी ऐसा नहीं कहा है कि दूसरे से समुदाय नफरत की जाय। यह भाजपा का एकमात्र कॉपीराइट है।”
डॉ सिंह ने कहा था, "भारत के लोग यह सब देख रहे हैं। अमानवीयकरण की यह कहानी अब अपने चरम पर पहुंच गई है। अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने प्यारे देश को इन कलहपूर्ण ताकतों से बचाएं।"
सिंह ने पत्र में कहा था, "अमानवीकरण की यह कहानी अब अपने चरम पर पहुंच गई है। अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने प्यारे देश को इन कलहकारी ताकतों से बचाएं।" पूर्व प्रधान मंत्री ने कहा था कि भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है और मतदान के अंतिम चरण में, "हमारे पास यह सुनिश्चित करने का एक अंतिम मौका है कि लोकतंत्र और हमारा संविधान एक निरंकुश शासन के बार-बार होने वाले हमलों से सुरक्षित है।”
उन्होंने मतदाताओं से भारत में प्रेम, शांति, भाईचारे और सद्भाव को एक मौका देने की अपील की थी। सिंह ने कहा था, "मैं सभी युवाओं से सावधानी बरतने की अपील करता हूं। केवल कांग्रेस ही विकासोन्मुखी प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित कर सकती है, जहां लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की जाएगी।" मोदी ने सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। हालांकि मनमोहन सिंह ऐसा कुछ भी नहीं कहा था। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के बाद मनमोहन सिंह ने यह जरूर कहा था कि भारत के संसाधनों पर मुसलमानों का भी उतना ही हक है, जितना बाकी समुदायों का है। लेकिन भाजपा और आरएसएस ने मनमोहन सिंह के इस बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया था।