चुनाव आयोग ने 18 मई, 2019 को अपने पहले के दिशानिर्देश को वापस ले लिया कि ईवीएम की गिनती डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने के बाद ही की जाए। उसने अपने नए निर्देश में कहा, ईवीएम की गिनती "पोस्टल बैलेट की गिनती के बावजूद जारी रह सकती है"। आयोग ने यह भी कहा कि ईवीएम की गिनती पूरी होने के बाद वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जा सकती है।
आयोग के बार-बार बदलते निर्देश की वजह से ही विपक्ष चिंतित है। चुनाव आयोग को दिए गए ज्ञापन में विपक्ष ने बिहार का उल्लेख किया है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर राज्य के लिए 12,700 वोटों का था, जबकि डाक मतपत्रों की संख्या 52,000 थी। कोविड के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव था। इस पर बिहार में काफी हंगामा भी हुआ था। बिहार में ईवीएम के वोटों की गिनती के बाद पोस्टल बैलेट पेपर गिने गए थे।