देश में फिलहाल 3 मई तक लॉकडाउन है। तेलंगाना में इसे 7 मई तक बढ़ाने का एलान कर दिया गया है। देश के बाक़ी हिस्सों में भी इसके बढ़ने के आसार हैं। ऐसे में भारत के मुसलमानों के सामने रमज़ान के दौरान इबादत का मसला खड़ा हो गया है। रमज़ान के पूरे महीने मुसलमान रोज़ा रखते हैं और सामूहिक इफ्तार का भी आयोजन होता है। रात को मसजिदों में तरावीह की विशेष नमाज़ पढ़ी जाती है। लेकिन देश में तेज़ी से फैलते कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन ने रमज़ान की इन रौनकों को फीका कर दिया है।
रमज़ान: उलेमा बोले- लॉकडाउन का सख़्ती से करें पालन, घर पर ही करें इबादत
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- 21 Apr, 2020

लॉकडाउन की वजह से इस बार रमज़ान की रौनक फीकी हो गयी है। तमाम इसलामिक इदारों ने फतवा जारी कर मुसलमानों से रमज़ान के दौरान घर पर ही इबादत करने को कहा है।
इसलामिक इदारों ने दिया फतवा
देश के जाने-माने उलेमा और मुसलिम बुद्धिजीवियों ने मुसलमानों को रमज़ान के दौरान घर पर ही रहकर इबादत करने की सलाह दी है। दुनिया भर में अपनी अलग साख़ रखने वाले दारुल उलूम देवबंद और लखनऊ के नदवातुल उलूम समेत कई और इसलामिक इदारों ने फतवा जारी कर मुसलमानों से रमज़ान के दौरान लॉकडाउन का सख़्ती से पालन करते हुए घर पर ही इबादत करने को कहा है। मुसलमानों को सलाह दी गई है कि कि वे रोज़ाना की नमाज़ सामूहिक रूप से न पढ़ें।