संविधान की प्रस्तावना से ‘सेक्युलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्दों पर आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बयान से शुरू हुए विवाद पर बहस छिड़ गई है। बीजेपी के कई नेताओं और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी इन शब्दों को हटाने के पक्ष में बयान दिया। इससे यह मुद्दा और सुर्खियों में आ गया। तो क्या यह मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट में पहुँचेगा? और यदि यह पहुँचा तो क्या यह मामला अदालत में टिक पाएगा? आइए जानते हैं कि आख़िर सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में क्या रुख रहा है?